क्या आप जानना चाहते हैं कि पितरों का शरीर में आना कैसा होता है, पितरों का शरीर में आने का क्या कारण होता है तो इस आर्टिकल में इसकी पूरी जानकरी दी गयी है।
जी हां, यहाँ हम आपको बता रहे हैं कि पितर देवता कैसे आते हैं अर्थात् किसी के शरीर में पितर देवता कैंसे प्रवेश करते हैं। इसके अतिरिक्त पितरों के शरीर में आने से जुड़ी अन्य विभिन्न प्रकार की जानकारी भी इस आर्टिकल में दी गयी है। आइये, विषय को समझते हैं।
पितरों का शरीर में आना क्या होता है?
जिस प्रकार से शरीर में देवी देवता आते हैं। ठीक उसी तरह से पितर देवता भी शरीर में आते हैं। कई जगह पितरों के शरीर में आने को पितरों की हन्त्या भी कहते हैं।
पितरों का शरीर में आने से आपको बहुत से कष्ट भी हो सकते हैं। कई बार तो जब कोई पितर किसी के शरीर में आने लगता है तो उसे बहुत ज्यादा परेशान भी करता है। यह तीव्र पितृदोष का संकेत देता है।
पितरों का शरीर में आना शुभ या अशुभ
पितरों का शरीर में आना शुभ नहीं माना जाता है। विभिन्न शास्त्रों में इस बात का उल्लेख किया गया है, कि यदि हमारे शरीर में पितर प्रकट हो रहे हैं तो इसका मतलब पितर खुश नहीं हैं। जब पितरों को मुक्ति नहीं मिलती है तो पितर शरीर में आने लगते हैं।
शरीर में पितर देवता कैसे आते हैं?
आमतौर पर यह पूरे भारत में लगभग सभी राज्यों में देखा जाता है कि जब किसी के घर में पितृदोष होता है तो उसकी वजह से शरीर में पितर आने लगते हैं। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि जैंसे अन्य देवी देवता शरीर में आते हैं। वैंसे ही पितर भी आते हैं। पितर शरीर में आने पर कुछ बोलते हैं कि मैं वो हूँ या भी वे आपको परेशान भी कर सकते हैं।
पितरों का शरीर में आना कैसा होता है?
पितरों का शरीर में आना किसी भी तरह से अच्छा नहीं है। आपके घर में जो भी पितर मुक्त नहीं होता है, वही शरीर में आता है। उसकी कोई इच्छा होती है या वह पूजा मांगता है।
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पितरों का शरीर में आने से नुकसान
पितर यदि शरीर में आते हैं तो यह आप व आपके पूरे परिवार के लिए हानिकारक है। यदि किसी के शरीर में देवी या कोई देवता आता है तो वह उतना नुकसान दायक नहीं होता जितना कि पितरों का शरीर में आना होना है। कई बार तो पितरों के शरीर में आने से पूरे परिवार को या उस व्यक्ति को बड़े भारी नुकसान हो जाते हैं, जो कि निम्नलिखित हैं।
- पागल होना
- मानसिक बेचैनी
- घर में क्लेश
- कार्य में असफलता
- आर्थिक तंगी
- दुःखी रहना
पितरों का शरीर में आने पर क्या करें?
यदि आपके घर परिवार में किसी के शरीर में पितर आ रहे हैं तो आपको उस समय तुरंत उस व्यक्ति पर गंगाजल के छींटे मारने चाहिए। उस व्यक्ति को धूप दिखाएं।
पितरों का शरीर में आने का सीधा मतलब है कि आपके घर में पितृदोष है। ऐंसे में आपको यथाशीघ्र पितृदोष की शान्ति हेतु पूजा करवानी चाहिए। नहीं तो यह कभी मुक्त नहीं होते हैं और आपको भी परेशान करते रहते हैं।
पितरों के शरीर में आने पर कौन सी पूजा होती है?
सभी प्रकार के पितृदोष की शान्ति के लिए साप्ताहिक श्रीमद्भागवत अनुष्ठान किया जाता है। पितृदोष से सदैव मुक्ति पाने के लिए भागवत कथा करवानी चाहिए। यदि भागवत कथा करवाना संभव न हो तो सात दिन भागवत पुराण का मूल अनुष्ठान जरूर करा लेना चाहिए। इसे भागवत पोथी पाठ भी कहते हैं।
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प्रिय पाठकों, आज के इस आर्टिकल में पितरों का शरीर में आना Pitro Ka Sharir Mein Aana, पितरों का शरीर में आने के कारण, लक्षण व उपाय, पितर देवता कैसे आते हैं? इत्यादि विविध विषयों के बारें में विस्तारपूर्वक बताया गया। किसी भी प्रकार के सवाल का तुरंत जवाब प्राप्त करने के लिए नीचे कमेंट बाॅक्स में अपना सवाल पूछें।
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