क्या आपको पता है कि मां दुर्गा किसके नाम का सिंदूर लगाती है, दुर्गा जी की शादी किससे हुई थी, मां दुर्गा का पति कौन है? तो आइये, आपके इन सभी सवालों का जवाब यहाँ दिया जा रहा है। माँ दुर्गा समस्त जगत की सर्वोच्च शक्ति है।
रहस्य की बात है कि दुर्गा माता भी अपने माथे पर सिंदूर लगाती है। ऐंसे में यह सवाल होता है कि दुर्गा मां दुर्गा किसके नाम का सिंदूर लगाती है और क्यों लगाती है? आइये, इसको विस्तारपूर्वक शास्त्रीय दृष्टि एवं प्रमाणों के साथ समझते हैं।
मां दुर्गा किसके नाम का सिंदूर लगाती है
मां दुर्गा पूरे ब्रह्माण्ड की सभी शक्तियों का एकरूप है। वैंसे एक शब्द में कहें तो मां दुर्गा आदिदेव महादेव शिव के नाम का सिन्दूर लगाती है किन्तु यह जवाब पूर्ण नहीं है क्योंकि इसके पहले आपको यह समझना जरूर है कि मां दुर्गा के पति कौन हैं। तभी आप यह समझ सकते हैं कि मां दुर्गा किसके नाम का सिंदूर लगाती है।
दुर्गा जी के पति कौन है?
यदि मूल रूप से देखा जाए तो दुर्गा माता का कोई पति नहीं है। मां दुर्गा ब्रह्मा, विष्णु, महेश इन त्रिदेवों के सामूहिक शक्ति है। इसके अतिरिक्त भी समस्त ब्रह्मांड के अणु परमाणु की शक्ति मां दुर्गा में समाहित है। अतः ऐंसे में मां दुर्गा अनादि एवं अनन्त है। इनका कोई पति भी नहीं है किन्तु सामान्य भाषा में ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों ही दुर्गा देवी के पति हैं।
ब्रह्मा जी की शक्ति महा सरस्वती, भगवान विष्णु की शक्ति महालक्ष्मी एवं शिव की शक्ति महाकाली इन तीनों का एक रूप ही दुर्गा है।
विशेष बात यह है कि सरस्वती और महा सरस्वती दोनों में बहुत अन्तर है। सरस्वती ब्रह्मा जी की पत्नी हैं, जबकि महा सरस्वती उनसे परे हैं। ठीक इसी तरह लक्ष्मी और महा लक्ष्मी में भी अन्तर है। इस प्रकार दुर्गा माता की उत्पत्ति ब्रह्मा, विष्णु, महेश से परे है।
शास्त्रों में तो यह भी कहा गया है कि ब्रह्मा विष्णु महेश ये त्रिदेव भी तभी अपना कार्य कर पाते हैं, जब इन पर मां दुर्गा की कृपा होती है। अन्यथा ये जड़ हो जाते हैं। देवी भागवत पुराण में तो सभी शक्तियों से परे माँ दुर्गा को ही बताया गया है।
लोक में यह बात भी प्रचलित है कि दुर्गा माता के पति शिव हैं। यह बात पूर्णतः सत्य नहीं है। भगवान शिव की पत्नी पार्वती हैं। पार्वती और दुर्गा दोनों अलग हैं। हालांकि, पार्वती माता में दुर्गा भी समाहित है, किन्तु बाह्य रूप से ये पृथक हैं।
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दुर्गा जी की शादी किससे हुई थी?
यह बात तो आपको पता ही होगी कि दुर्गा माता की किसी से शादी नहीं हुई है। माँ दुर्गा वैष्णो का रूप है। तीनों शक्तियों का स्वरूप है। ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश तीनों देव भी इनकी पूजा करते हैं। दुर्गा माता में ब्रह्माणी, वैष्णवी, शिवानी तीनों एकाकार हैं। इनकी किसी से भी शादी नहीं हुई। एक बार महिषासुर नाम का राक्षस दुर्गा देवी से शादी करने की इच्छा भी रखता है और कुदृष्टि भी डालता है। तब माँ दुर्गा कहती है कि जो मेरे साथ युद्ध में जीत जाएगा, मैं उसके साथ विवाह कर लुंगी। परिणाम स्वरूप असुर हार जाते हैं।
दुर्गा जी को सिंदूर क्यों लगाया जाता है?
माँ दुर्गा समस्त शक्तियों का प्रतीक है। दुर्गा माता स्त्री शक्ति का भी प्रतिनिधित्व करता है। अतः माता दुर्गा को सिंदूर अवश्य लगाना चाहिए। जो भक्त माँ दुर्गा की सभी शृंगारों से सहित पूजा अर्चना करता है। उसकी समस्त इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं व माँ दुर्गा की असीम कृपा प्राप्त होती है।
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प्रिय पाठकों, आज के इस आर्टिकल में मां दुर्गा किसके नाम का सिंदूर लगाती है, दुर्गा जी को सिंदूर क्यों लगाया जाता है? इत्यादि मां दुर्गा से जुड़ी विभिन्न रहस्यमयी बातें आपको बतायी गयी। यदि आपके मन में कोई प्रश्न हो तो आप नीचे कमेंट में पूछ सकते हैं।
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