क्या आप माँ दुर्गा के भक्त हैं तो आपको माँ दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ जरूर करना चाहिए। वैंसे दुर्गा सप्तशती का पाठ तो बहुत से लोग करते हैं किन्तु उनको यह पता नहीं होता कि दुर्गा सप्तशती का पाठ किस समय करना चाहिए, दुर्गा सप्तशती पाठ करने का सही समय क्या है।
यहाँ हम आपको इसी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दे रहे हैं। दुर्गा सप्तशती पढ़ने का क्या नियम है?, सप्तशती पाठ कितने बजे करना चाहिए?, रोज दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से क्या होता है?, दुर्गा सप्तशती का पाठ क्यों किया जाता है इत्यादि दुर्गा सप्तशती पाठ से जुड़े सभी सवालों का जवाब यहाँ दिया जा रहा है।
अतः इस आर्टिकल को ध्यान से पढें। आइये,सबसे पहले जानते हैं कि दुर्गा सप्तशती का पाठ किस समय करना चाहिए, इसका सही समय क्या है।
दुर्गा सप्तशती का पाठ किस समय करना चाहिए
दुर्गा सप्तशती का पाठ करने का सही एवं उचित समय प्रातः काल है। सुबह उठकर सूर्योदय से लेकर मध्याह्न से पहले दुर्गा सप्तशती का पाठ करना अति उत्तम है। हालांकि, ऐंसा नहीं है कि शाम के समय या रात्रि के समय दुर्गा सप्तशती का पाठ नहीं कर सकते हैं। आप चाहें तो किसी भी समय सप्तशती का पाठ करें, किन्तु अलग अलग मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए अलग अलग समय पर दुर्गा सप्तशती पाठ करने का विधान है।
यदि आप किसी तांत्रिक सिद्धि हेतु पाठ करना चाहते हैं तो अर्धरात्रि को करना चाहिए। जो लोग सात्विकता हेतु एवं माँ दुर्गा की कृपा प्राप्ति हेतु पाठ करना चाहते हैं, उन्हें प्रातः काल ही पाठ करना चाहिए। यदि आप विद्या, बुद्धि, ज्ञान की प्राप्ति करना चाहते हैं तो शुबह सूर्योदय से पहले दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
- व्यापार एवं कारोबार की उन्नति के लिए सप्तशती का पाठ दिन में करना चाहिए।
- तांत्रिक सिद्धि की प्राप्ति हेतु सप्तशती का पाठ रात को करना चाहिए।
- नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ 9 बजे से 1 बजे तक करना चाहिए।
रोज दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से क्या होता है?
रोज दुर्गासप्तशती का पाठ करना बहुत ही शुभ एवं चमत्कारिक होता है, किन्तु रोज यह करना थोड़ा मुश्किल है। आमतौर पर आप एक निश्चित समय तक ही सप्तशती का पाठ कर सकते हैं। जैंसे कि कुछ लोग एक महीने तक कर सकते हैं। कुछ उससे ज्यादा या उससे कम भी हो सकता है।
दुर्गा सप्तशती पढ़ने का क्या नियम है?
दुर्गा सप्तशती पाठ करने के बहुत से नियम हैं। इनमें से कुछ तो आचार व्यवहार से सम्बंधित नियम हैं तथा कुछ पाठ से जुड़े नियम हैं। आचार व्यवहार के अन्तर्गत पाठ कर्ता की मनःशुद्धि, तन की शुद्धि आदि शामिल हैं। वहीं दुर्गा सप्तशती पाठ के नियम की बात करें तो ये बहुत सारे हैं। जैंसे कि..
- दुर्गा सप्तशती का पाठ शुद्ध उच्चारण में करना चाहिए।
- शुद्ध संस्कृत बोलें।
- श्लोकों का उच्चारण जोर से करें।
- मौन होकर पाठ नहीं करना चाहिए।
- सप्तशती पाठ में कुंजिका स्तोत्र अवश्य पढें।
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दुर्गा सप्तशती का पाठ कौन कौन से दिन कौन सा पाठ चाहिए?
संपूर्ण दुर्गा सप्तशती में कुल 13 अध्याय तथा 700 श्लोक हैं। कुछ लोग एक दिन में एक अध्याय का पाठ करते हैं। नवरात्रि में यदि आपके पास ज्यादा समय नहीं है तो आप नौ दिनों के हिसाब से दुर्गा सप्तशती का पाठ कर सकते हैं। दुर्गा सप्तशती में तीन चरित्र हैं। आप इनको अपने समय के अनुसार पढ सकते हैं।
सप्तशती पाठ कितने बजे करना चाहिए?
दुर्गा सप्तशती का पाठ प्रातः काल 8 बजे से लेकर 12 बजे के बीच करना चाहिए। नवरात्रि में मुहूर्त व समय के अनुसार दुर्गा सप्तशती का पाठ करना अच्छा होता है। विद्यार्थियों को सप्तशती का पाठ ब्रह्ममुहूर्त में करना चाहिए।
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प्रिय पाठकों, आज इस लेख में दुर्गा सप्तशती का पाठ किस समय करना चाहिए, दुर्गा सप्तशती पढ़ने का क्या नियम है? Durga Saptashati Ka Path Kab Karna Chahiye इत्यादि दुर्गा सप्तशती पाठ से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी। इसके अलावा आप अपना किसी भी प्रकार का सवाल नीचे कमेंट में पूछ सकते हैं।
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