नमस्ते पाठकों ! आज हम आपके समक्ष एक ऐसा विषय लेकर हाजिर हैं जो हर कोई इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए बेहद उत्सुक है कि आखिर इस पृथ्वी पर सबसे पहला धर्म कौन सा है ? जी हां मित्रों आज हम इसी विषय के संदर्भ में कुछ रोचक जानकारी लेकर हाजिर है ।
आखिरकार एक ही जैसे दिखने वाले इन्सान अलग-अलग धर्म और संप्रदाय में कैसे बट गया ? इन्सान की रगों में जो खून दौड़ रहा है उसके रंग में भी कोई फर्क नहीं दिख रहा है, फिर भी इन्सान भिन्न-भिन्न धर्मों और संप्रदाय कैसे बटा हुआ है ? आमतौर पर देखा जाये तो विश्व में रहनेवाले सभी लोग अपने-अपने ग्रंथों के आधार पर अपने धर्म को सबसे पुराना बताते है ।
हमारे मन में कई सवाल बार-बार उठते है कि आखिर पृथ्वी पर सबसे पहला और पुराना धर्म कौन-सा है ? भारत में सबसे पहले कौन-सा धर्म आया होगा ? क्या इस्लाम सबसे पुराना धर्म है ? अनेकों सवाल मन मे पैदा होतें है तो आज हम विस्तार से यह जानने का प्रयत्न करेंगे कि आखिर सच क्या है ?
पृथ्वी पर सबसे पहला धर्म कौन-सा धर्म है?
विश्व के सभी लोग अपने अपने ग्रंथों के आधार पर अपने धर्म को सबसे पुराना धर्म बताते है । हिन्दू, इस्लाम, ईसाई आदि इन सभी धर्मों में कहीं न कहीं एक जैसी बातें दिखने को मिलती हैं । जैसे कि सभी धर्मों में एकदूसरे के साथ अच्छा बर्ताव करो, देवी-देवता, शक्ति आदि का जिक्र किया गया है, दानपुण्य, मदद, अच्छाई करना यह नीतियों में समानता दिखाई देती है ।
सबसे पहला धर्म कौन सा है ? इस विषय में जानने के लिए हमें सबसे पहले इतिहास को विस्तार से जानना होगा । इतिहासकारों के मतानुसार जब पृथ्वी पर मानव सभ्यता का आरंभ हुआ तब इन्सान प्रकृति के तत्वों को अपना इष्ट देव मानने लगे थे ।
फिर धीरे-धीरे मानव विकास आगे बढ रहा था तभी प्रकृति में परिवर्तन देखकर इन्सान ऐसा मानने लगा की कोई तो ऐसी शक्ति है जो सृष्टि का संचालन कर रही है, फिर अलग-अलग साम्राज्यों में इन्सान प्रकृति के तत्वों को देवता मानने लग गई होगी और बाद में लोग उनकी पूजा करने लग गये ।
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भारत में सबसे पहले कौन-सा धर्म आया ?
अब आपके मन में यह सवाल पैदा हुआ होगा की भारत में सबसे पहले कौन-सा धर्म आया होगा ? इस पर चर्चा करें तो विद्वानों के मुताबिक सनातन हिंदू धर्म दुनिया का सबसे पुराना धर्म है, हिंदू धर्म की जड़ें, परंपरा, और रीति-रिवाज आदि भी चार हजार से भी अधिक वर्षो से पुराने हैं। वर्तमान में 900 मिलियन अनुयायियों समेत हिंदू धर्म ईसाई तथा इस्लाम के बाद तीसरे स्थान पर सबसे बड़ा धर्म है। विश्व के करीब 95 प्रतिशत हिंदू भारत देश में रहते हैं।
इतिहासकारों के मतानुसार जब पृथ्वी पर मानव सभ्यता का आरंभ हुआ तभी मध्य एशिया से एक जाति का आगमन हुआ जो स्वयं को "आर्य" कहते है । आर्यो की सभ्यता को वैदिक सभ्यता भी कहा जाता है ।
हिमालयात् समारभ्य यावत् इन्दु सरोवरम् ।
तं देवनिर्मितं देशं हिन्दुस्थानं प्रचक्षते ।।
कुछ विद्वान लोगों का मानना हैं कि हिंदू धर्म आज से 9000 वर्ष पहले अस्तित्व में आया था । हिन्दू, इस्लाम, ईसाई आदि धर्म के लोग अपने-अपने धर्म को सबसे पहला धर्म मानने लगें, परन्तु दरअसल सनातन धर्म सबसे पहला धर्म माना जाता है। जब से पृथ्वी पर जीवन का आरंभ हुआ तब से सनातन धर्म का अस्तित्व था ।
आज विश्व में 4000 से भी ज्यादा धर्म अस्तित्व में है। हमारे पौराणिक ग्रंथों के अनुसार ब्रह्मा से मनु की उत्पत्ति हुई और मनु से ही मानव-मनुष्य की उत्पत्ति हुई । हिन्दू धर्म के सबसे ज्यादा अनुयायी भारत में रहतें हैं । हिन्दू शब्द एक अपभ्रंश शब्द है जो हिन्दूत्व या हिन्दू धर्म को प्राचीनकाल में सनातन धर्म से जाना जाता था ।
हिंदू धर्म से पहले कौन-सा धर्म था ?
हमारे पौराणिक ग्रंथों की मान्यता के मुताबिक हिंदू धर्म को 90 हजार वर्ष पुराना बताया गया है । वर्तमान संशोधन के अनुसार 24000 वर्ष पुराना हिन्दू धर्म को माना जाता है । जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभनाथ मनु (9058 ईसा पूर्व) से पांचवीं पीढी में हुए । यहूदी धर्म की स्थापना ईसा से लगभग 1500 वर्ष पूर्वे हुई थी ।
इतिहासकारों के मतानुसार पारसी धर्म के महात्मा जरथुस्त्र को 1700-1500 ईपू माना जाता है । बौद्ध धर्म की स्थापना गौतम बुद्ध ने 2500 वर्ष पहले की थी । ईसाई धर्म की स्थापना 2000 वर्ष मानी जाती है । जबकि इस्लाम धर्म 1400 वर्ष पहले अस्तित्व में आया है।
क्या इस्लाम सबसे पुराना धर्म है ?
हमारे मन में बार-बार एक ही प्रश्न उठता है कि पृथ्वी पर सबसे पहला धर्म कौन सा है ? तो बहुत से लोगों का यह भी मानना है कि इस्लाम धर्म की शरुआत पृथ्वी पर मानव जीवन से ही हुई थी । हजरत मुहम्मद का जन्म 571 में माना जाता है । उन्होंने ही इस्लाम धर्म की स्थापना की ।
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इस प्रकार इस्लाम धर्म 1400 वर्ष पूराना माना जाता है । पृथ्वी पर जब से इन्सान ने पहला कदम रखा था तब से इस्लाम धर्म था जबकि हिंदू विज्ञान अनुसार हिन्दू धर्म 6000-8000 वर्ष पूराना माना गया है । दरअसल मक्का में जन्मे हजरत मुहम्मद का जन्म 571 माना जाये तो इस्लाम का उदय 7 वीं शताब्दी में अरब प्रायद्वीप में हुआ है । कुरानपाक में उल्लेखित अनुसार लोग प्रकृति को पूजते थे तब हजरत मुहम्मद लोगों को ज्ञान देते थे ।
पयंगबरो को धरती पर भेजते थे और एक ही बात बताई जाती थी की एक ही मालिक है, एक ही अल्लाह है । जो भी हो इस्लाम धर्म में हजरत अली-अम्मा हवा हुये । हिन्दू धर्म में मनु-सतरुपा, ईसाई धर्म में आदम-इव । इन सभी कडियों से ऐसा प्रतीत होता है कि आखिर इन्सान को एक ही व्यक्तिने बनाया है । परन्तु मन में तुरंत प्रश्न खडा होता है कि आखिर इन्सान को धर्म की जरूरत क्यों पडी ?
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