क्या आपको पता है कि कुंडली में मंगल ग्रह का कितना महत्वपूर्ण योगदान होता है, विशेष रूप से एक स्त्री के लिए मंगल ग्रह की बहुत बड़ी भूमिका होती है. मंगल ग्रह एक स्त्री के जीवन में उसके दांपत्य जीवन को विशेष रुप से इंगित करता है।
स्त्री की कुंडली में मंगल का प्रभाव विशेष जानने योग्य विषय है। यदि आप एक स्त्री हैं और मंगल ग्रह से पीड़ित हैं अथवा आपकी कुंडली मांगलिक है। आप विवाहित हो अथवा अविवाहित, दोनों ही स्थिति में मंगल ग्रह को समझना, आपको बहुत जरूरी है। यहां हम आपको स्त्री की कुंडली में मंगल के प्रभाव से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी दे रहे हैं।
स्त्री की कुंडली में मंगल ग्रह कब शुभ फलदाई होता है। मंगल ग्रह नीच होने पर स्त्री के लिए किस प्रकार यह नुकसानदायक हो सकता है, क्या मांगलिक कुंडली आपके दांपत्य जीवन को खराब कर सकती है, मंगल के लिए कौन सा घर खराब है, मंगल दोष के लक्षण क्या है- इत्यादि स्त्री की कुंडली में मंगल दोष से संबंधित बहुत महत्वपूर्ण बातें यहां बताई जा रही हैं।
विभिन्न ज्योतिषीय ग्रंथों के आधार पर एवं प्रामाणिक फलित ज्योतिषियों के मुताबिक यहां सटीक जानकारी दी जा रही है. आइए जानते हैं.
स्त्री की कुंडली में मंगल क्या दर्शाता है?
मंगल एक पुरुष ग्रह है. स्त्री हो या पुरुष दोनों के लिए ही मंगल ग्रह की स्थिति विभिन्न आयामों को दर्शाती है। कुंडली के अलग-अलग भाव में स्थित मंगल ग्रह स्त्री जातकों के लिए अलग-अलग प्रभाव वाला होता है.
खासकर यदि आप एक स्त्री हैं और आपकी कुंडली में मंगल दोष हो तो ऐसे में यह शुभ फलदाई माना जाता है। मुख्य रूप से सप्तम भाव का मंगल स्त्री के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। यहां आगे हम आपको स्त्री की कुंडली में अलग-अलग भाव में मंगल का क्या प्रभाव होता है। उसकी जानकारी दे रहे हैं. आइये जानते हैं स्त्री की कुंडली में मंगल का प्रभाव
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स्त्री की कुंडली में प्रथम भाव में मंगल क्या दर्शाता है
किसी स्त्री की कुंडली के प्रथम भाव में मंगल बैठा हुआ हो तो आमतौर पर स्त्री को आत्मनिर्भर बनाता है. इसके अलावा इस प्रकार की स्त्रियां अंतर्मुखी के बजाय बहिर्मुखी हो सकती हैं.
प्रथम भाव का मंगल स्त्री जातक को महत्वकांक्षी और अहंकारी भी बना सकता है. कुंडली में यदि प्रथम भाव में मंगल हो यानी लग्न में मंगल का होना स्त्री जातक के लिए मांगलिक दोष का इशारा करता है. इसके कारण आपकी Marriage Life प्रभावित हो सकती है. ऐसे मैं आपको विवाह करने से पहले कुंडली मिलान पर विशेष ध्यान देना चाहिए.
द्वितीय भाव में स्त्री की कुंडली में मंगल का प्रभाव
दूसरे भाव में मंगल स्त्री को धन की ओर ज्यादा आकर्षित करता है. देखा जाए तो दूसरे भाव में यदि मंगल बैठा हो तो यह आपके लिए शुभ फलदायक है। आपको आर्थिक रूप से मजबूत करने में मदद करता है।
स्त्री की कुंडली में तीसरे भाव का मंगल
स्त्री की कुंडली में तीसरे भाव में मंगल बैठा हो तो यह अच्छा माना जाता है। यह आपको साहित्यिक कार्यों (Adventure Jobs) में नौकरी दिला सकता है. इस प्रकार की महिलाओं का स्वभाव साहस से भरा होता है। यह निडर एवं निर्भीक स्वभाव वाली होती हैं। नये नये कार्य करने के प्रति उत्साहित एवं ऊर्जा से युक्त होती हैं।
Female Kundali में चौथे घर का मंगल- प्रभाव
वैसेतो स्त्री की कुंडली में चतुर्थ भाव का मंगल उसके व्यक्तिगत जीवन के लिए अच्छा होता है लेकिन वैवाहिक जीवन के लिए चौथे भाव का मंगल अच्छा नहीं माना जाता है।
इस प्रकार की स्त्री का जीवन सुखमय एवं शांति से पूर्ण होता है लेकिन शादी करने के बाद घर में क्लेश हो सकता है। पति पत्नी के संबंधों में कमी आ सकती है। इस प्रकार की कुंडली मांगलिक दोष से ग्रसित होती है।
स्त्री कुण्डली में 5th House में मंगल का शुभ/अशुभ फल
स्त्री की कुंडली में पंचम भाव में मंगल बैठा हो तो यह उसकी संतान के लिए नुकसानदायक माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र एवं लाल किताब के मुताबिक स्त्री जातक की कुंडली में पांचवे घर में मंगल हो तो इस प्रकार की कुंडली में गर्भपात अथवा संतान न होने का योग बनता है। इस प्रकार की स्त्रियों की संतान विकलांग भी हो सकती है। ऐसी स्थिति में आपको मंगल का उपाय करना चाहिए।
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6वें घर में मंगल का फलादेश- स्त्रियों के लिए
स्त्री जातक की कुंडली में छठवें घर में मंगल हो तो यह स्त्री के स्वभाव को चिड़चिड़ापन वाला बना देता है। इस प्रकार की स्त्रियों को गुस्सा ज्यादा आता है। इस प्रकार के लोग मेहनत करने वाले होते हैं और अपने काम में बहुत लगन से समय देते हैं। छठवें घर में मंगल हो तो यह आपके वैवाहिक जीवन को प्रभावित नहीं करता है।
स्त्री की कुंडली में सप्तम घर में मंगल का होना
संपूर्ण कुंडली के 12 घरों में से सातवां घर ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से विशेष उल्लेखनीय है। एक ओर सातवां घर जहां गुरु के कार्यकर्ता होने के कारण विशेष माना जाता है तो वहीं यदि सातवें घर में कोई अशुभ ग्रह पड़ जाए तो यह पूरे जीवन को तहस-नहस कर सकता है। स्त्री जातकों की कुंडली में सातवें घर में मंगल होने पर कई बार तो पति की मृत्यु का योग भी बन जाता है।
यदि आप एक ही स्त्री हैं और आपकी कुंडली में सातवें घर में मंगल की स्थिति है तो यह आपके पति के लिए बहुत घातक हो सकता है. उनकी मृत्यु तक हो सकती है. हम आपको हजार प्रमाणों के साथ में एवं फलित ज्योतिष के सिद्ध आचार्यों के निरीक्षण के द्वारा यह पूर्ण रूप से साबित कर बता सकते हैं कि किस प्रकार से सातवें मंगल के कारण पति या पत्नी की अकाल मृत्यु हो जाती है.
ज्योतिष शास्त्र एक सूक्ष्म विज्ञान है। जहां तक शायद आज का विज्ञान कभी भी नहीं पहुंच पाता है। हालांकि ज्योतिष शास्त्र में जो कुछ भी बताया जाता है, वह अच्छा या बुरा हो सकता है लेकिन उसके रामबाण उपाय भी बताए जाते हैं, जिनसे आप अशुभ से अशुभ ग्रह की स्थिति का भी परिहार पूर्णरूपेण कर सकते हैं। बशर्ते उसके लिए आपको उपाय करना होगा.
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स्त्री की कुंडली में अष्टम भाव का मंगल
कुंडली के आठवें घर में मंगल अच्छा नहीं माना जाता है। यह बहुत ही बेकार एवं अशुभ फलदायक होता है। यदि स्त्री की कुंडली में आठवें घर में मंगल बैठा हो तो यह पति की मृत्यु का योग भी बना सकता है।
इसके अलावा यह दुर्घटना एवं अकाल मृत्यु का भी संकेत करता है। यह आपके पति के लिए बहुत घातक हो सकता है। आठवें घर का मंगल दांपत्य जीवन के लिए अशुभ माना जाता है। इस प्रकार की कुंडली में मांगलिक दोष वाली होती है।
स्त्री की कुंडली में नवम घर के मंगल का फल
जिन स्त्री जातकों की कुंडली के नवम घर में मंगल बैठा हुआ होता है। वह प्रेम एवं धर्म के प्रति काफी जागरूक होती है। इस प्रकार की स्त्रियों का स्वभाव प्रेम से परिपूर्ण होता है।
ये अपने धर्म के लिए कुछ भी करने को तैयार होती हैं। इनका स्वभाव खर्चीला होता है यानी इनके पास यदि पैसा आता है तो यह इसको donate या Invest कर देती हैं।
स्त्री के Horoscope में 10th House में मंगल का असर
महिलाओं के लिए कुंडली के दशम घर का मंगल अच्छा होता है। यह उनको धनवान बनाने में काफी मदद करता है। आपके पास पैसे की कमी नहीं होती है।
आप हमेशा फुर्तीला एवं साहसी बने रहते हैं लेकिन दसवें घर का मंगल आपकी संतान से आपको सुख प्राप्त करने में बाधक बन सकता है यानि आपको संतान सुख कम प्राप्त होगा।
स्त्री की कुंडली में एकादश भाव का मंगल
जिन Ladies की कुंडली में ग्यारहवें भाव में मंगल होता है तो वे बड़े सौभाग्यशाली होते हैं। ग्यारहवें भाव का मंगल उनके लिए समृद्धि दायक माना जाता है। हालांकि मंगल की स्थिति राशि एवं शत्रु ग्रह आदि पर भी निर्भर करती है।
इसके लिए आपको पूरी कुंडली का विश्लेषण करवाना चाहिए। तथापि ग्यारहवें भाव का मंगल स्त्री जातकों को पारिवारिक सुख में मदद करता है। यह पारिवारिक समृद्धि बनाए रखने में विशेष शुभ फलदायक होता है।
12वें घर में स्त्री की कुंडली में मंगल का फल
कुंडली के बारहवें घर में यदि मंगल बैठा हो तो यह मांगलिक दोष का संकेत देता है। 12th House में मंगल का होना व्यवसाय (Career), कार्यक्षेत्र आदि सभी कार्यों में बाधक बन सकता है। यह आपके पारिवारिक जीवन (Family Life) या फिर वैवाहिक जीवन (Marriage Life) के लिए भी हानिकारक होता है।
मांगलिक कुंडली यानी कुंडली में मंगल दोष हो तो ऐसा जरूरी नहीं कि इस प्रकार की कुंडली आपके लिए हानिकारक की है। यदि इस पर अच्छे ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो इसका अशुभ फल खत्म हो जाता है।
मंगली दोष से छुटकारा पाने के लिए आप विभिन्न प्रकार के उपाय भी कर सकते हैं, जिनकी विस्तारपूर्वक जानकारी मांगलिक दोष वाले सेक्शन में दी गयी है।
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स्त्री की कुंडली में मंगल का प्रभाव व उपाय- बागेश्वर धाम सरकार
बागेश्वर धाम सरकार के मुख्य पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री बताते हैं कि यदि स्त्री या पुरुष किसी की भी कुंडली में सातवाँ घर का मंगल हो तो ऐंसे लोगों को बागेश्वर बाला जी यानि हनुमान जी का पूजन करना चाहिए। चाहें तो रोज हनुमान चालीसा का पाठ करें।
मंगल के लिए कौन सा घर खराब है?
आमतौर पर यदि किसी व्यक्ति का मंगल खराब है फिर चाहे वह किसी भी घर में क्यों ना हो और यदि उसका दैनिक जीवन आचरण व्यवहार अच्छा नहीं है तो यह मंगल उसको नरक ले जाने वाला भी बन सकता है।
मंगल जहां शुभ वाचक शब्द है वहीं यह बहुत भयानक भी है। जो लोग मांस, मदिरा आदि का सेवन करते हैं। उनका Mangal एक समय आने पर बहुत विकराल स्थिति में चला जाता है. ज्योतिष शास्त्र एवं लाल किताब तथा अन्य Astrological विशिष्ट ग्रंथों के अनुसार मंगल के लिए पहला घर, चौथा घर सातवां घर, आठवां घर एवं 12वां घर खराब माना जाता है.
हालांकि पूर्ण कुंडली का विश्लेषण करने के पश्चात ही मंगल की शुभ अशुभ स्थिति का पता चल पाता है। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि इन्हीं घरों में यदि मंगल किसी अच्छे ग्रह के साथ में बैठा हुआ है या मंगल पर किसी शुभ ग्रह की दृष्टि पड़ रही हो तो यह आपके लिए बहुत फायदेमंद भी हो सकता है.
मंगल दोष के लक्षण क्या है?
बेवजह घर में लड़ाई झगड़ा होना, क्लेश होना, पति पत्नी में तलाक जैसी स्थिति का आना, पति या पत्नी की अकाल मृत्यु, मानसिक विचलन एवं अत्यधिक तनाव होना, नाखुश होना, मन में चिड़चिड़ापन से रहना, अचानक से खुशी और अचानक से दुख में चले जाना, यह सभी मंगल दोष के ही लक्षण हैं।
जिन लोगों की कुंडली में मंगल खराब होता है या मंगल दोष होता है उनकी पारिवारिक स्थिति, व्यक्तिगत स्थिति, पति पत्नी के संबंध (Bad Relationship), पिता पुत्र के संबंध, पुत्री-पिता के संबंध बहुत खराब हो जाते हैं. मंगल दोष से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी एवं इसके उपाय को जानने के लिए आप इस वेबसाइट की मांगलिक दोष वाले Section में जरूर जाएं। अधिक जानकारी के लिए आप भारत के Top ज्योतिषाचार्य सिद्ध ज्योतिषियों से अपनी कुण्डली भी दिखवा सकते हैं।
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क्या मंगल स्त्री ग्रह है? Is Mangal (Marce) A Female Planet
आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि मंगल एक पूर्ण रूप से पुरुष ग्रह है। इसके अलावा मंगल ग्रह उष्ण प्रकृति का ग्रह है। यह अग्नि तत्व (Fire Element) से संबंध रखता है। स्त्री जातकों को अशुभ मंगल की स्थिति से अपने आपको सुरक्षित रखना चाहिए।
प्रिय पाठकों, आज के इस आर्टिकल में भारत की नंबर वन हिंदी धार्मिक एजुकेशनल वेबसाइट SanskritExam.Com पर ज्योतिष कुंडली विज्ञान के अंतर्गत स्त्री की कुंडली में मंगल का प्रभाव, मंगल के लिए कौन सा घर खराब है, मंगल दोष के लक्षण क्या हैं, स्त्री की कुंडली में मांगलिक दोष के फायदे एवं नुकसान इत्यादि महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गयी।
कुंडली विज्ञान, ज्योतिष शास्त्र, सामुद्रिक शास्त्र आदि से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए आप इस वेबसाइट के में जरूर जाएं। यदि आपका किसी भी प्रकार का कोई सवाल हो तो आप नीचे कमेंट में पूछ सकते हैं।
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