प्रिय पाठकों, क्या आपको पता है कि अतिथि देवो भव किस उपनिषद से लिया गया है, अतिथि देवो भव का असली मतलब क्या होता है, अतिथि देवो भव की शुरुआत किसने की. तो आइये, यहां अतिथि देवो भव से जुडे आपके सभी सवालों का जवाब दिया जा रहा है.
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आज यहां हम आपको- अतिथि देवो भव कहां से लिया गया है, अतिथि देवो भव का अर्थ क्या होता है, अतिथि देवो भव इस उपनिषद वाक्य से जुडी हर प्रकार की जानकारी दे रहे हैं.
यहां बहुत ही महत्वपूर्ण बातें बताई जा रही हैं, जो आपको पूरे इंटरनेट पर कहीं नहीं मिलेगी.
अतः यहां बताई जानी वाली बातों को ध्यान से पढें. तो जानते हैं बिना किसी देरी के- अतिथि देवो भव इस संस्कृत आदर्श वाक्य के बारें में......अतिथि देवो भव which उपनिषद से लिया गया है।
अतिथि देवो भव किस उपनिषद से लिया गया है?
उपनिषद साहित्य के आदर्श वाक्यों में से- अतिथि देवो भव एक विशेष प्रसिद्ध संस्कृत वाक्य है. अतिथि देवो भव संस्कृत वाक्य तैत्तिरीय उपनिषद की शिक्षावल्ली नामक अध्याय से लिया गया है.
यह वाक्य तैत्तिरीय उपनिषद के शिक्षावल्ली नामक प्रथम अध्याय का 11 मंत्र है. पूरा अतिथि देवो भव श्लोक (मंत्र कुछ इस प्रकार है....
देवपितृकार्याभ्यां न प्रमदितव्यं। मातृदेवो भव। पितृदेवो भव। आचार्यदेवो भाव। अतिथिदेवो भव।।- तैत्तिरीय उपनिषद, शिक्षावल्ली- 11
अर्थ- देव व पितृकार्यों से प्रमाद न करें. माता देवता है. गुरु देवता है. अतिथि भगवान होता है.
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अतिथि देवो भव किस वेद से लिया गया है
यदि कोई सवाल करे कि यह अतिथि देवो भव वाला मंत्र किस वेद से संग्रहित है तो हम आपको बता दें कि यह कृष्ण यजुर्वेद से लिया गया है।
जैंसे कि हमने आपको बताया कि अतिथि देवो भावा - तैत्तिरीय उपनिषद की शिक्षावल्ली का अंश है।
आपको यह भी पता होना चाहिए कि तैत्तिरीय उपनिषद, कृष्ण यजुर्वेद का एक प्रसिद्ध उपनिषद है। मूल रूप से अतिथि देवो भव कृष्ण यजुर्वेद से संबंध रखता है।
अतिथि देवो भव पूरा श्लोक
अतिथि देवो भव मंत्र यानि श्लोक का एक पदांश है। इसका अवशिष्ट भाग ऊपर बताया जा चुका है, जो कि इस प्रकार है।
मातृदेवो भव। पितृदेवो भव। अतिथिदेवो भव।
अतिथि देवो भव को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?
मेहमान यानि अतिथि भगवान समान होता है. ऐसा यह अतिथि देवो भव वाक्य बताता है. अतिथि देवो भव को अंग्रेजी में- Guest is as God या Guest is considered like God. कह सकते हैं. यह आदर्श वाक्य अनुकरणीय एवं सुन्दरतम है.
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अतिथि देवो भव का अर्थ क्या है
मूल रूप से अतिथि देवो भव वैदिक संस्कृत का वाक्य है. इसका शब्दार्थ है कि अतिथि देवता हो.
यह एक उपदेशात्मक या कल्याणपरक वाक्य है. इसका शब्दार्थ इस प्रकार है। अतिथि- मेहमान, देवः- देवता, भगवान, भव- हो, होवे
अतिथि देवो भव का संस्कृत विभक्ति, वचन, लिंग आदि की व्याख्या निम्न प्रकार से है.
अतिथि- न तिथिर्यस्य स अतिथि, जिसकी कोई तिथि नहीं होती, अनायास आने वाला मेहमान. देवः- दानाद् दीपनाद् द्योतनाद्वा देवः अर्थात् विशेष, श्रेष्ठ, पूजनीय। भव- लोट् लकार मध्यमपुरुष, एकवचन.
अतिथि को देवता क्यों कहा गया है?
सनातन धर्म की मानें तो अतिथि को भगवान समान कहा गया है. ऐसा इसलिए, क्योंकि प्राचीन काल में अतिथि की परिभाषा कुछ विशेष थी.
अतिथि का मतलब होता था, जिसकी कोई तिथि नहीं होती यानि आपके घर पर अचानक कोई सह सम्बन्धी, साधु, सज्जन आदि आ जाए, तो वह अतिथि पूजनीय होता है.
उसका आदर सत्कार कर उसे विदा करना चाहिए. इसी कारण वह भगवान समान माना गया.
हालांकि अतिथि का मतलब यह बिल्कुल नहीं होता कि अतिथि घर पर आए व एक-एक, दो-दो महीने आपके घर पर ही बिताए. अतिथि अल्पकालिक होता है. अतः Atithi Bhagwan Hai ऐंसा माना जाता है।
अतिथि देवो भव अभियान क्या है? अतिथि देवो भव की शुरुआत किसने की?
क्या आपको पता है कि भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय के द्वारा- सुन्दरतम उपनिषद संस्कृत वाक्य अतिथि देवो भव के साथ एक नये अभियान की शुरुआत की गयी.
जी हां, वर्ष 2005 में भारत सरकार ने भारत में मेजबान व विदेशी यात्रियों के बीच अच्छे सम्बन्ध बनाने के लिए एक नये अभियान की शुरुआत की जिसका नाम अतिथि देवो भव अभियान है.
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य पर्यटकों एवं विदेशी आगन्तुकों के बीच भारतीय जनता का अच्छा व्यवहार हो- यह था.
जिस प्रकार भारतीय सनातन परम्परा में अतिथि को भगवान समान माना जाता है, उसी तरह पर्यटकों के साथ व्यवहार हो.
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प्रिय पाठकों, आज के इस आर्टिकल में भारत की नंबर वन हिंदी संस्कृत वेबसाइट sanskritexam.com पर अतिथि देवो भव किस उपनिषद से लिया गया है,
अतिथि देवो भव का क्या अर्थ होता है, अतिथि देवो भव किस वेद से संबंधित है, अतिथि देवो भव पूरा श्लोक क्या है (Atithi Devo Bhava Kis Upnishad Se Liya Gaya Hai) इत्यादि अतिथि देवो भव से संबंधित पूरी जानकारी प्रदान की गई.
वेद पुराण, उपनिषद संस्कृत साहित्य, सनातन धर्म, कर्मकांड पूजन, ज्योतिष शास्त्र आदि से जुड़ी अन्य किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस वेबसाइट के मेनू बार में जरूर जाएं।
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