ऑफिस में समान वेतन का अधिकार - क्या है? जानिए पूरी जानकारी

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क्या आप भी जानना चाहते हैं कि ऑफिस में समान वेतन का अधिकार क्या है, ऑफिस में समान वेतन का अधिकार कब पारित हुआ, इसका उद्देश्य क्या है तो आपका स्वागत है. 

जी हां, यहां हम आपको ऑफिस में समान वेतन का अधिकार क्या है, यह कब पारित हुआ, इसके अंतर्गत क्या महत्वपूर्ण बिंदु हैं, इसका उद्देश्य क्या है। 

ऑफिस में समान वेतन के अधिकार से जुड़ी विभिन्न प्रकार की महत्वपूर्ण जानकारी यहां दी जा रही है। 

इसके अलावा भी ऑफिस में समान वेतन के अधिकार से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें यहां बताई जा रही हैं। 

अतः यदि आप भी जानना चाहते हैं कि ऑफिस में समान वेतन का अधिकार क्या है तो इस आर्टिकल में आगे बताई जाने वाली बातों को ध्यानपूर्वक पढ़ें.


ऑफिस में समान वेतन का अधिकार क्या है?

ऑफिस में समान वेतन का अधिकार भारतीय संविधान के अंतर्गत लिखा गया एक अधिनियम है। यह अधिनियम सन 1976 में 8 मार्च को पारित किया गया था। ऑफिस में समान वेतन का अधिकार से तात्पर्य है कि यह हर महिला पुरुष कर्मचारी के लिए वेतन समान रूप से लागू होता है।


समान वेतन के अधिकार का उद्देश्य

ऑफिस में समान वेतन के अधिकार का मूल उद्देश्य यही है कि हर कर्मचारी या महिला पुरुष के वेतन में किसी भी जाति आदि भेदभाव के कारण असमानता नहीं होगी। 

इस अधिनियम के तहत समान कार्य करने वाली महिला पुरुष दोनों को समान वेतन देने की व्यवस्था की गई है। 

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ऑफिस में समान वेतन के अधिकार के नियम

समान वेतन समान अधिकार के अंतर्गत विविध प्रकार के नियम भी हैं। इसका मुख्य लक्ष्य यही है कि सभी के लिए समान वेतन होना। 

समान वेतन के अधिकार के अंतर्गत कुछ विशेष नियम निम्नलिखित भी हैं जैसे कि

  • शाम को 7:00 बजे के बाद कोई भी महिला ऑफिस आदि में कार्य नहीं करेगी।
  • इसके अलावा यह समान वेतन का अधिनियम हॉस्पिटल एवं कैटरीन के लिए लागू नहीं होता है।
  • कोई भी महिला किसी मुश्किल यानी जोखिम भरे कार्य को नहीं करेगी।
  • समान वेतन समान अधिनियम के अनुसार किसी भी पद का चयन योग्यता के आधार पर ही किया जाएगा।


समान कार्य के लिए समान वेतन कौन से अनुच्छेद में है?

समान कार्य के लिए समान वेतन का अधिकार भारतीय संविधान के अंतर्गत अनुच्छेद 39d में है। इसके अनुसार किसी भी लिंग भेद से कर्मचारी के वेतन में असमानता नहीं होनी चाहिए। 


समान कार्य के लिए समान वेतन कौन सा अधिकार है

समान कार्य के लिए समान वेतन का अधिकार एक प्रकार से राज्य नीति निर्देशक अधिकार है। जिसको कि मौलिक अधिकार के रूप में जाना जाता है।


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समान कार्य के लिए समान वेतन की व्यवस्था का कानून किसके लिए व क्यों बनाना पड़ा होगा?

सन 1976 में 8 मार्च को ऑफिस में समान कार्य के लिए समान वेतन का अधिकार पारित किया गया था। 

यह अधिकार कर्मचारियों के समान वेतन के उद्देश्य को लेकर बनाया गया था। 

तत्कालीन समय में जातिगत एवं लिंगगत भेदभाव को देखते हुए समान कार्य के लिए समान वेतन अधिनियम की स्थापना की गई थी।


प्रिय पाठकों, आज के इस आर्टिकल में ऑफिस में समान कार्य के लिए समान वेतन का अधिकार क्या है, इस अधिनियम के क्या उद्देश्य हैं, 

ऑफिस में समान कार्य के लिए समान वेतन का अधिकार कब पारित हुआ (Office Me Saman Vetan Ka Adhikar)

इत्यादि ऑफिस में समान कार्य के लिए समान वेतन अधिनियम से जुड़ी विभिन्न प्रकार की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गयी।

इसके अलावा यदि आपका किसी भी प्रकार का कोई सवाल हो तो आप नीचे कमेंट में पूछ सकते हैं। 

संविधान से जुड़ी अन्य किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इस वेबसाइट के मेनू बार में अवश्य जाए।

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