देववाणी संस्कृत बने राष्ट्रभाषा- लोकसभा में उठी मांग | Latest Sanskrit News 13 December 2022, टुडे संस्कृत न्यूज लोकसभा
Headline : सोमवार को लोकसभा में संस्कृत को राष्ट्रभाषा बनाने की उठी मांग. भाजपा पार्टी के सांसद कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने उठाई संस्कृत भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने की मांग. विस्तृत खबर कुछ इस प्रकार है.
नई दिल्ली- 12 दिसंबर 2022 यानी कल सोमवार को लोकसभा में संस्कृत भाषा को लेकर विशेष मांग उठाई गयी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के प्रसिद्ध सांसद कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने संस्कृत भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए लोकसभा में दृढ़ता पूर्वक मांग रखी।
बताते चलें कि उन्होंने हिंदी राजभाषा का जिक्र करते हुए संस्कृत भाषा को भी इसके साथ जोड़ते हुए राष्ट्रभाषा का दर्जा देने के लिए लोकसभा सदन में उसकी मांग उठाई।
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भाजपा सांसद कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने उठाई संस्कृत की मांग
कल सोमवार को लोकसभा सदन में भारतीय जनता पार्टी के सांसद कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने नियम 377 का जिक्र करते हुए संस्कृत भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए अपनी याचना जाहिर की।
सांसद कुंवर पुष्पेंद्र चंदेल ने संस्कृत भाषा को भी हिंदी भाषा की तरह राजभाषा के साथ राष्ट्रभाषा का दर्जा प्राप्त होने की इच्छा जताई।
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संस्कृत को भी मिले राष्ट्रभाषा का दर्जा
बीजेपी सांसद चंदेल ने संस्कृत भाषा की प्रशंसा करते हुए कहा कि- वर्तमान में यह हमारा अमृत काल चल रहा है। 2047 तक अपने भारत को विकसित देश बनाने का हमारा लक्ष्य है।
हिंदी हमारी राजभाषा है। हमें इसे राजभाषा से राष्ट्रभाषा तक पहुंचाना है। हिंदी के साथ-साथ हमें संस्कृत भाषा को भी राष्ट्रभाषा बनाना है.
इस प्रकार भारतीय जनता पार्टी के सांसद कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने हिंदी भाषा के साथ-साथ संस्कृत भाषा को भी राष्ट्रभाषा का दर्जा देने की मांग की.
संस्कृत प्रेमियों के लिए या एक हर्ष का विषय है कि लोकसभा में इस तरह के संस्कृत मुद्दों पर बात की जा रही है.
संस्कृत जनमानस के लिए लोकसभा में संस्कृत भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने की मांग उठना ही एक बहुत बड़ी बात है। इसी तरह राजनीति में भारतीय जनता पार्टी के अच्छे सांसद एवं नेता रहे तो वह दिन दूर नहीं जब भारत की राष्ट्रभाषा एवं समस्त राष्ट्र के कार्य संस्कृत भाषा में ही संचालित होंगे. आपको यह खबर सुनकर कैसा लगा, नीचे कमेंट में जरूर बताएं.
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