जन्माष्टमी पर कविता - श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2022 | Janmashtami Par Kavita | Janmashtami Par Shayari Poem | Poem on Janmashtami

जन्माष्टमी पर कविता- श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2022 | Janmashtami Par Kavita | Janmashtami Par Shayari Poem | Poem on Janmashtami in Hindi, कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं शायरी


प्रिय पाठकों, क्या आप जन्माष्टमी पर कविता ढूंढ रहे हैं, तो आप बिल्कुल सही जगह पहुँचे हैं। जी हां भारत की नंबर वन एजुकेशनल धार्मिक वेबसाइट SanskritExam. Com में आपका स्वागत है. आज के इस आर्टिकल में जन्माष्टमी पर कविता प्रस्तुत की जा रही है. 


जन्माष्टमी पर बहुत ही बेहतरीन, दिल को लुभाने वाली सुंदर कविता यहां प्रस्तुत की जा रही है. यह कविता लेखिका शबा राव द्वारा लिखी गई है। इसके अलावा विभिन्न धार्मिक त्योहारों पर कविताएं पढ़ने के लिए आप इस वेबसाइट के मेनू बार में जा सकते हैं। 


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जन्माष्टमी पर कविता- Janmashtami Par Kavita

🌺 जन्माष्टमी पर कविता 🌺
Poem On Janmashtami

 जन्माष्टमी का यह दिन है,
 इस दिन कृष्ण जी संसार में जगमगाय थे,
 अपने मामा कृष्ण के दुश्मन कहलाए थे,
 जन्म से पहले ही बुराई को मिटाने के रूप में छाए थे।

 आंधी तूफानों से वो टकराए थे,
 जन्म से पहले ही मामा के दिल में दहशत बैठाए थे,
 देवकी और वासुदेव जी के यह पुत्र थे,
 हिंदू धर्म की वैष्णव परंपरा में छाए थे।

 हिंदुओं में यह त्यौहार बड़े ही शौक से मनाया जाता है,
 उपवास और तरह-तरह के व्यंजनों का आयोजन किया जाता है,
 पूजा पाठ का आगाज होता है,
 धूमधाम से कृष्ण जी की रासलीला मनाई जाती है।

 यह बड़े ही चंचल और शरारती थे,
 बचपन में माखन चोर कहलाए थे,
 इनके जन्मदिन पर महिलाएं घर के आंगन में इनके पाव बनाती है,
 शिशु कृष्ण जी को पालने में झूलाती है।

 कृष्ण जी का यह अनोखा रूप है,
 जो बुराई को मिटाने में मशगूल है,
 प्रेम के  यह मसीहा कहलाते हैं,
 सब के दिलों में यह छाए हैं।


रचना- शबा राव
Composed by Miss. Shaba Rao 
Post graduated B.S.M Degree Collage, Roorkee (Haridwar) U.K.
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जन्माष्टमी पर कविता भावार्थ- Janmashtami Kavita/Poem

प्रिय पाठकों, आज के इस आर्टिकल में जन्माष्टमी पर कविता प्रस्तुत की गयी। हमें उम्मीद है जन्माष्टमी पर कविता आपको पसंद आई होगी। जन्माष्टमी व्रत से जुड़ी अन्य किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए आप इस वेबसाइट के मेनू बार में जा सकते हैं। 


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