मुस्लिम मजदूर की बेटी ने संस्कृत में जीते 5 गोल्ड मेडल, संस्कृत से है अनोखा प्रेम- जानिए पूरी जानकारी / Muslim Girl Got 5 Gold Medals Sanskrit Lucknow
आज हम आपको एक ऐंसी लड़की से मिलवाने जा रहे हैं जो भले ही संप्रदाय के रूप में मुस्लिम धर्म से ताल्लुक रखती हैं लेकिन दिल से एक सच्ची भारतीय और अपनी सनातन संस्कृति को अपनाने वाली हैं।
जी हां, आज हम आपको संस्कृत जगत की एक ख्यातिप्राप्त विदुषी छात्रा का परिचय करवाने जा रहे हैं। एक ऐसी मुस्लिम छात्रा जो वेद, पुराण, इतिहास, धर्म शास्त्र एवं संस्कृत के तमाम शास्त्रों को पढ़ने में महारथ है। एक ऐसी छात्रा जिसने संस्कृत जैसी भाषा में लगातार 5 गोल्ड मेडल जीतकर पूरे भारत में एक मिसाल बनाने का काम किया है।
जी हां, विश्व प्रसिद्ध और भारत की जानी-मानी यूनिवर्सिटी लखनऊ यूनिवर्सिटी की छात्रा गजाला मुस्लिम संप्रदाय से ताल्लुक रखती है। गजाला को बचपन से ही संस्कृत भाषा में रुचि हो गई थी और सबसे हैरानी की बात तो यह है कि अभी गजाला की उम्र मात्र 23 वर्ष की है। यह अपने आप में भारत के लिए सबसे गौरव पूर्ण बात है।
स्वयं गजाला कहती हैं कि हम हिंदू मुस्लिम बाद में हैं। सबसे पहले तो हम भारतीय हैं, इंसानियत और सनातन ही हमारा सबसे पहला धर्म है। गजाला से जब SanskritExam. Com वेबसाइट की टीम ने लाइव साक्षात्कार किया, उनका इंटरव्यू लिया तो गजाला के संस्कृत प्रेम को देखकर SanskritExam. Com टीम दंग रह गयी।
गजाला से हमने लाइव साक्षात्कार में विभिन्न प्रकार के सवाल पूछे, कैसे गजाला ने मुस्लिम धर्म से होने के बाद भी संस्कृत जैसी भाषा में पढ़ने का निश्चय किया। उन्होंने संस्कृत जैसी भाषा को केवल पढ़ना ही नहीं बल्कि उसमें सर्वश्रेष्ठ छात्रा होने का गौरव प्राप्त किया।
इन सभी सवालों का जवाब हमने स्वयं गजाला से पूछने का प्रयास किया और SanskritExam. Com के द्वारा आज इन सभी सवालों को यहां प्रस्तुत किया गया है।
आइए जानते हैं गजाला के बारे में, कैसे उन्होंने संस्कृत में लगातार 5 गोल्ड मेडल जीते और भारत की सबसे जानी-मानी लखनऊ यूनिवर्सिटी में सर्वश्रेष्ठ संस्कृत छात्रा होने का गौरव भी प्राप्त किया है।
संस्कृत में महारथ- कौन है ये गजाला
मुस्लिम संप्रदाय से ताल्लुक रखने वाली गजाला उत्तर प्रदेश के निशातगंज इलाके में रहती हैं। पारिवारिक पृष्ठभूमि के रूप में गजाला का जीवन काफी संघर्ष में रहा है। गजाला के पिता दिहाड़ी मजदूरी करने वाले व्यक्ति थे जो कि गजाला के बाल्यकाल में ही कैंसर रोग होने की वजह से इस दुनिया से चल बसे।
इसके बाद गजाला का जीवन काफी संघर्ष से भर गया। उनके दो भाइयों ने गजाला की पढ़ाई के लिए अपनी पढ़ाई छोड़ कर किसी गैराज में काम करना शुरू कर दिया।
वहीं उनकी एक बहन 'आसमीन' ने भी बर्तनों की दुकान में नौकरी करना शुरू कर दिया। विशेष बात यह है कि गजाला की मां और गजाला के परिवार ने गजाला को आगे बढ़ने के लिए पूरा सपोर्ट किया।
उनकी अम्मा ने गजाला के लिए कभी भी कमी नहीं की। शायद यही कारण है कि आज गजाला भारत में संस्कृत की जानी-मानी यूनिवर्सिटी की सबसे श्रेष्ठ छात्रा है और संस्कृत में अनेकों गोल्ड मेडल जीत चुकी है।
पाँच भाषाओं को जानती हैं- गजाला
गजाला संस्कृत में तो निपुण है ही, लेकिन इसके अतिरिक्त गजाला हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू तथा अरबी भाषा की भी विशेष जानकार है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गजाला को बचपन से ही संस्कृत से काफी प्रेम होने लग गया था।
हाल ही में गजाला ने भारत की श्रेष्ठतम एवं जानी-मानी यूनिवर्सिटी- लखनऊ विश्वविद्यालय से संस्कृत में ग्रेजुएशन एवं पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की।
हैरानी की बात यह है कि पूरे लखनऊ विश्वविद्यालय में गजाला की विशेष अमिट छाप है। लखनऊ विश्वविद्यालय में गजाला संस्कृत के रूप में सर्वश्रेष्ठ छात्रा मानी जाती हैं।
गजाला ने अपनी बीए की कक्षा में यानि कि ग्रेजुएशन में सर्वाधिक अंक प्राप्त करके संस्कृत भाषा में एक विशेष उपलब्धि हासिल करी। न केवल इतना ही गजाला ने अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन एम.ए कक्षा में भी पूरे लखनऊ विश्वविद्यालय में संस्कृत से टॉप किया। जिसके चलते गजाला ने लगातार 5 गोल्ड मेडल जीतने में महारथ हासिल की।
संस्कृत में 5 गोल्ड मेडल जीतने वाली, 5 भाषाओं को जानने वाली, मुस्लिम धर्म से ताल्लुक रखने वाली गजाला के दिन की शुरुआत सुबह 5:00 बजे से हो जाती है।
गजाला का जीवन काफी संघर्षपूर्ण है। उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरे तन मन से संस्कृत भाषा को समर्पित कर दी हैं। आखिर कैसे जीते गजाला ने संस्कृत में पांच गोल्ड मेडल और कैंसे गजाला ने संस्कृत में इतनी महारथ हासिल की?
आखिर गजाला का सपना क्या है, मुस्लिम धर्म से होने के बाद भी कैसे गजाला ने संस्कृत भाषा में ही पढ़ाई करने का निश्चय किया- संस्कृत एग्जाम डॉट कॉम वेबसाइट की टीम ने गजाला से इस तरह के तमाम बहुत सारे सवाल पूछे, जो कि गजाला की जुबानी में ही यहां प्रस्तुत किए गए हैं।
जानिए- मुस्लिम छात्रा गजाला को कैंसे हुआ संस्कृत से प्रेम
पहला सवाल- मान्य गजाला जी! आपके मन में संस्कृत को पढने की ललक कब से व कैंसे शुरु हुई?
गजाला- दुनिया में कोई भी भाषा संस्कृत की बराबरी नहीं कर सकती। संस्कृत जैंसी दिव्य भाषा में मेरी रूचि आर्य कन्या पाठशाला इंटर कॉलेज की अर्चना द्विवेदी मैम के पढाने से शुरु हुई। तब में काफी छोटी थी। तब से ही मेरे दिल में मानो संस्कृत ने अपना अटूट स्थान बना दिया था।
दूसरा सवाल- आप संस्कृत पढती हैं, संस्कृत में बहुत सारे शास्त्रों को जानती हैं। संस्कृत भाषा के विषय में आप क्या कहना चाहेंगी?
गजाला- संस्कृत बहुत शुद्ध और सुसंस्कृत भाषा है। इसमें काव्य को पढ़ने में बहुत ख़ुशी होती है। संस्कृत भाषा अपने व्यक्तित्व को बदलने के लिए बहुत अच्छी भाषा है। दुनिया की सभी भाषाओं की जननी हैं- संस्कृत भाषा।
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संस्कृत विदुषी गजाला- वेदमंत्रों को पढने में है दक्ष
सवाल- संस्कृत में आपकी बेहतरीन पसंदीदा पुस्तकें कौन सी हैं, जिन्हें आप अक्सर पढना पसंद करती हैं।
सर, संस्कृत में मुझे वैदिक मंत्रो को पढ़ना बहुत ज्यादा पसंद है। इसके अलावा संस्कृत कविता को गाना पसंद है और नीतिशतकम, नाटक अभिज्ञान शाकुन्तलम्, एतरेयब्राह्मण आदि पढने में मुझे गहरा आनन्द मिलता है। संस्कृत में अनन्त शास्त्र हैं। प्रत्येक शास्त्र अपने आप में विशेष रहस्यपूर्ण है।
पांच भाषाओं की ज्ञाता, गजाला को पढने में है- विशेष रुचि
सवाल- आपकी पसंदीदा रुचिक्षेत्र अर्थात् Hobby क्या हैं? जैंसे कि किताबे पढना इत्यादि।
मुझे पढ़ना पसंद है। इसके अलावा मुझे शायरी पढ़ना और सिंगिंग करने का भी काफी शौक है।
सवाल- वर्तमान में आप क्या कर रही हैं व आगे क्या करना चाहती हैं?
सर, अभी मैं अध्ययन ही कर रही हूँ और आगे संस्कृत भाषा में पीएचडी करना चाहती हूँ। मेरा जीवन काफी संघर्षमय रहा है, परन्तु मैं इसके बाद भी पढाई के लिए कभी पीछे नहीं हटी हूँ।
संस्कृत में 5 गोल्ड मेडल विजेत्री- गजाला ने बताए सफलता के सूत्र
सवाल- आपकी दृष्टि में परीक्षार्थियों /विद्यार्थियों के लिए सफलता के सूत्र क्या हैं?
गजाला का जवाब- किसी भी परीक्षा में सफलता पाने के लिए रोज़ स्वाध्याय करना चाहिए और विद्यार्थी का तो पढ़ना रोज़ का ही धर्म है। "स्वाध्यायः परमं तपः" इसके अलावा रिवीजन करना रोज़ बेहद जरुरी है।
गजाला ने क्या कहा संस्कृत के बारें में
SanskritExam.Com का सवाल- आप संस्कृत जनमानस एवं संस्कृत प्रेमीजनों के लिए संस्कृत को लेकर क्या सन्देश देना चाहती हैं?
गजाला का जवाब- एक बार संस्कृत को पढ़कर तो देखिये। यकीन मानिए, आपके विचार, आपके व्यक्तिगत जीवन और व्यक्तित्व में काफ़ी निखार आएगा और आपके अंदर विनम्रता सदैव बनी रहेगी। यह मेरा एक्सपीरियंस है।
सवाल- आपको संस्कृत भाषा से इतना लगाव क्यों हुआ? संस्कृत में ऐंसा क्या है जिसने आपको अपनी तरफ आकर्षित किया?
सर, मेरी दृष्टि में दुनिया में केवल संस्कृत भाषा ही एक ऐसीं भाषा है जिसे पढ़कर परम आनंद की अनुभूति होती है।
मेरी संस्कृत के प्रति रूचि बढ़ाने का श्रेय अर्चना द्विवेदी मैम को जाता है और संस्कृत को मैंने करियर के रूप में चुनने का निर्णय लिया है, उसका श्रेय हमारी डॉ नगमा सुल्तान मैम को जाता है। संस्कृत बहुत ही रुचिकर भाषा है।
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आखिरी सवाल By SanskritExam. Com-
गजाला जी, आज दुनिया में लोग धर्म को लेकर संकीर्ण विचारधारा का परिचय देते हुए आपस में बैर व दुश्मनी करते ही जा रहे हैं, जबकि "मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना"
आप सम्प्रदाय के रूप में मुस्लिम धर्म/सम्प्रदाय से तालुक रखती हैं। वहीं दूसरी ओर आप दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा- संस्कृत पढती हैं, जिसमें कि वसुधैव कुटुंबकम् जैंसे अमृत सूत्र दिए जाते हैं।
वैंसे सभी धर्म सम्प्रदायों में मानवता व नैतिक आचरण की बात ही कही गयी है। आजकल धर्म सम्प्रदायों के नाम पर समाज में तरह तरह की कुरीतियां, भेदभाव, लड़ाई झगड़ा, क्लेश आदि अपनी चरम सीमा पर पहुँच रहा है। आप इसके बारें में क्या कहना चाहेंगी?
संस्कृत विदुषी गजाला का जवाब-
मैं तो यही कहूँगी कि कोई भी मज़हब हमें हिंसा करना या फिर दूसरों को जज करना नहीं सिखाता है। हमें किसी भी मजहब/धर्म/सम्प्रदाय के बारें में गलत नहीं कहना चाहिए।
हमें परस्पर मिल जुलकर प्रेमपूर्वक व्यवहार से रहना चाहिए। सबको चाहिए कि वसुधैव कुटुंबकम् की भावना बनाएं रखें।
हम सब भारतीय पहले हैं। हमारा सबसे पहला इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है। हम हिन्दू मुस्लिम आदि बाद में हैं और हमें तो मिल जुलकर अपने देश को ऐसा बनाना चाहिए की लोग मिसाल दें। ज़ब हम कभी विदेशों में जायें तो लोग हमें भारतीय कहें। "हिंदी है हम वतन से हिन्दोस्ताँ हमारा।"
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मुस्लिम छात्रा गजाला का संस्कृत के प्रति अटूट प्रेम देखकर आपको भी शायद जरूर हैरानी हुई होगी। आप दुनिया की सबसे प्राचीन एवं वैज्ञानिक संस्कृत भाषा के बारे में क्या सोचते हैं हमें नीचे कमेंट करके बता सकते हैं।
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