वट सावित्री व्रत कथा | Vat Savitri Vrat Katha PDF • Download | वट सावित्री कथा PDF
हिंदू धर्म में विभिन्न प्रकार के व्रत त्योहार मनाए जाते हैं जो कि वैज्ञानिक एवं रहस्यों से भरे हुए हैं। वास्तव में हिंदू धर्म अपने आप में रहस्य पूर्ण है। प्राचीन सनातन धर्म के अनुसार कुछ ऐसे व्रत है जो इतिहास में अमरत्व को प्राप्त हुए हैं। इन्हीं व्रत में से एक व्रत है वट सावित्री व्रत ।
जी हां, आज के इस आर्टिकल में हम आपको वट सावित्री व्रत से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी और कुछ ऐसे रहस्य बताने जा रहे हैं जो आज तक आपने नहीं सुने होंगे। इसके साथ ही Vat Savitri Vrat Katha PDF भी आपको प्रदान कर रहे हैं।
यदि आप भी वट सावित्री व्रत कथा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी जानना चाहते हैं एवं वट सावित्री कथा PDF डाउनलोड करना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ते रहें। वट सावित्री एक ऐसा महान व्रत है जिसके करने मात्र से मृत्यु तक को जीत लिया जा सकता है।
इस कहानी की शुरुआत होती है सावित्री और सत्यवान की उस घटना से, जब सावित्री ने अपने पातिव्रत धर्म से अपने पति के प्राणों को यमराज से भी छुड़ा लिया था। वट सावित्री व्रत इतना महान है कि इस व्रत के सामने साक्षात मृत्यु के देवता यमराज भी झुक जाते हैं। आइए जानते हैं वट सावित्री व्रत से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण रहस्यमई जानकारी एवं Vat Savitri Vrat Katha PDF व वट सावित्री पूजा विधि
Vat Savitri Vrat Katha PDF
वट सावित्री व्रत कथा PDF FIle | |
Book/ PDF Name - | वट सावित्री व्रत कथा / Vat Savitri Vrat Katha |
Category - | धार्मिक व्रत कथा |
File type - | PDF Format |
File size - | 717 KB |
वट सावित्री व्रत क्या है महत्व / Vat Savitri Vrat
हिंदू सनातन धर्म में वट सावित्री व्रत एक विशेष व्रत है जो कि विशेष रूप से महिलाओं के लिए आवश्यक है। वट सावित्री व्रत पत्नी का पति के प्रति अटूट प्रेम एवं सच्चे स्नेह को दर्शाता है। यदि आप एक महिला हैं तो आपको वट सावित्री का व्रत अवश्य लेना चाहिए। वट सावित्री का व्रत रखने से पति की आयु दीर्घ होती है और स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
वट सावित्री व्रत उस घटना से शुरू होता है जब सत्यवान की पत्नी सावित्री अपने मृत पति सत्यवान के प्राणों को यमराज से भी वापस ले आती है। सावित्री यह प्रतिज्ञा कर लेती है कि वह अपने पति के प्राणों को अपने पतिव्रता धर्म के बल पर वापस लाएगी और वह एक वट वृक्ष के नीचे व्रत करने लग जाती है।
फल स्वरूप यमराज को सावित्री के पति के प्राणों को वापस देना पड़ता है जोकि संपूर्ण सनातन इतिहास में अद्वितीय घटना है। वट सावित्री व्रत विशेष महत्व वाला है।
प्रिय पाठकों, यदि आप वट सावित्री कथा PDF / Vat Savitri Vrat Katha PDF डाउनलोड करना चाहते हैं तो नीचे वट सावित्री की कथा पीडीएफ व वट सावित्री पूजा विधि PDF लिंक दिया गया है।
वट सावित्री व्रत कब मनाया जाता है? Vat Savitri Vrat Kab Manaya Jata Hai
वट सावित्री व्रत कब मनाया जाता है , वट सावित्री व्रत किस दिन मनाया जाता है इस प्रकार के सवाल अक्सर लोगों के मन में रहते हैं। वट सावित्री व्रत मनाने के समय को लेकर धर्म ग्रंथों में दो मत मिलते हैं।
वट सावित्री व्रत जेष्ठ मास में मनाया जाता है - यह तो बिल्कुल निश्चित है लेकिन एक ओर वट सावित्री व्रत जेष्ठ मास की अमावस्या को मनाने का विवरण मिलता है तो दूसरी ओर वट सावित्री व्रत जेष्ठ मास की पूर्णिमा को मनाने का उल्लेख भी पाया जाता है।
भविष्य पुराण के अनुसार वट सावित्री व्रत जेष्ठ मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। वहीं निर्णय अमृत नामक ग्रंथ के अनुसार वट सावित्री व्रत जेष्ठ मास की अमावस्या को मनाने का विधान है।
वट सावित्री व्रत 2022 Date & Time
यदि इस साल 2022 की बात की जाए तो वट सावित्री व्रत 30 मई को मनाया जा रहा है। जैसे कि वट सावित्री व्रत जेष्ठ मास की अमावस्या से शुरू होता है। इस साल 2022 में जेष्ठ मास की अमावस्या 29 तारीख दोपहर 2:54 से शुरू हो चुकी है और यह अमावस्या 30 मई शाम 4:59 तक रहेगी।
अतः इस वर्ष वट सावित्री व्रत 30 मई को मनाया जा रहा है। विशेष बात यह है कि 30 मई को एक बहुत ही महत्वपूर्ण योग- सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है।
इसके अतिरिक्त इस दिन सुकर्मा योग भी बन रहा है जो कि बहुत ही अच्छा माना जाता है। Vat Savitri Vrat Katha PDF एवं वट सावित्री पूजा विधि पीडीएफ लिंक नीचे दिया गया है।
इन्हें भी देखें 👇👇
वट सावित्री पूजा विधि - Vat Savitri Vrat Puja Vidhi
वट सावित्री पूजा कैसे करे- वट सावित्री की पूजा को सरल तरीके से एवं विस्तार पूर्वक समझने के लिए नीचे वट सावित्री कथा PDF एवं वट सावित्री पूजा विधि पीडीएफ का लिंक दिया गया है। सामान्य रूप से बट सावित्री पूजा विधि की बात करें तो वट सावित्री व्रत के दिन सावित्री, सत्यवान एवं यमराज देवता की पूजा की जाती है।
यह पूजा वट वृक्ष के सामने की जाती है। वटवृक्ष अर्थात बरगद का पेड़। धर्म ग्रंथों एवं पुराणों में यह उल्लेख मिलता है कि बरगद के वृक्ष में अर्थात वटवृक्ष में साक्षात ब्रह्मा, विष्णु एवं भगवान शंकर का वास होता है।
इसी कारण वटवृक्ष पंच पल्लव के वृक्षों में भी शामिल है। वट सावित्री पूजा विधि क्या है , वट सावित्री पूजा कैसे करें- इसके लिए निम्नलिखित बातों का विशेष ध्यान रखें।
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
सामान्य रूप से बट सावित्री पूजा विधि ऊपर बताई गई है। विस्तार से वटसावित्री पूजा कैसे करें इसको समझने के लिए नीचे वट सावित्री कथा PDF एवं वट सावित्री पूजा विधि पीडीएफ लिंक दिया गया है।
आप इसे आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं और वट सावित्री व्रत का अनुष्ठान कर सकते हैं। वट सावित्री व्रत रखने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होते हैं।
इन्हें भी देखें 👇
Click- सैकडों व्रत कथा व पूजा विधि PDF डाउनलोड करें
Click - सनातन धर्म, व्रत व मंत्रों से जुड़े रहस्य जानें।
Click- सम्पूर्ण पूजन विधि, सामग्री, मंत्र, आरती, स्तोत्र आदि
Click- ज्योतिष- कुण्डली, कालसर्प दोष, राशिफल आदि
Vat Savitri Vrat Katha PDF • Download Link
प्रिय पाठकों, यदि आप वट सावित्री व्रत कथा PDF डाउनलोड करना चाहते हैं और वट सावित्री पूजा विधि पूरी विस्तार से समझना चाहते हैं तो यहां हमने बहुत ही सुंदर बेहतरीन डिजिटल व्रत सावित्री व्रत कथा PDF लिंक दिया है।
आप इसे आसानी से अपने मोबाइल आदि डिवाइस में डाउनलोड कर सकते हैं और इसका पाठ कर सकते हैं। इसे पढ़ सकते हैं और वट सावित्री व्रत का दिव्य फल प्राप्त कर सकते हैं।
यहां दिए गए वट सावित्री कथा पीडीएफ के अंतर्गत आपको सारी जानकारी दी गई है इस पीडीएफ के अंदर आपको निम्न विषय में मिलते हैं।
- वट सावित्रि व्रत कथा / Vat Savitri Vrat Katha)
- वट सावित्रि व्रत का महत्व /Vat Savitri Vrat Importance
- वट सावित्रि व्रत पूजा विधि / Vat Savitri Vrat Pooja Vidhi)
- वट सावित्रि व्रत के दिन क्या करें, क्या ना करें
Vat Savitri Vrat Katha PDF Download Here
वट सावित्री व्रत कथा pdf download
vat savitri vrat katha pdf in gujarati
Click- रुद्राक्ष पहनने के फायदे व नुकसान
Click- लक्ष्मी प्राप्ति के असरदार घरेलू उपाय
Click- शाम को शिवलिंग पर जल चढाये या नहीं
Click- पति पत्नी को किस दिशा में सोना चाहिए
Click- औरतों को शनि देव की पूजा करनी चाहिए?
Click- सत्यनारायण कथा व पूजा विधि
0 Comments
आपको यह लेख (पोस्ट) कैंसा लगा? हमें कमेंट के माध्यम से अवश्य बताएँ। SanskritExam. Com वेबसाइट शीघ्र ही आपके कमेंट का जवाब देगी। ❤