Shiv Chalisa PDF • Download Now | Shiv Chalisa PDF In Hindi - 2022 : शिव चालीसा पीडीएफ
हिंदू धर्म में त्रिदेवों की कल्पना की गई है। ब्रह्मा विष्णु महेश- ये तीन देवता ब्रह्मांड के आदि देव के रूप में जाने जाते हैं। ब्रह्म देव इस संसार का निर्माण करते हैं।
भगवान विष्णु संसार का पालन करते हैं तथा भगवान शंकर अर्थात महेश इस सृष्टि को प्रलय दशा में ले जाते हैं। भगवान शंकर सबसे जल्दी प्रसन्न हो जाने वाले देवता हैं। इसीलिए भगवान शंकर के विषय में कहा जाता है क्षणे रुष्टः क्षणे तुष्टः।
अर्थात पल भर में प्रसन्न हो जाने वाले एवं पल भर में रुष्ट हो जाने वाले भगवान शंकर अपने भक्तों के लिए सदैव अभय वर देने वाले माने गये हैं। भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए उनके भक्त भगवान शिव की विभिन्न प्रकार से पूजा अर्चना करते हैं।
शिव की पूजा करने के लिए शिव चालीसा का पाठ करना विशेष फलदाई माना जाता है। हिंदू धर्म में चालीसा ग्रंथों का क्रम बहुत प्राचीन रहा है। चालीसा अत्यंत सरल होती है। जिसका पाठ सामान्य व्यक्ति भी कर सकता है।
भगवान शिव को समर्पित शिव चालीसा एक चमत्कारिक स्तोत्र है। आइए, यदि आप Shiv Chalisa PDF (शिव चालीसा पीडीएफ) डाउनलोड करना चाहते हैं तो नीचे Shiv Chalisa PDF का लिंक दिया गया है।
Shiv Chalisa PDF File Details
Shiv Chalisa PDF File | |
Book/ PDF Name - | Shiv Chalisa - शिव चालीसा |
Category - | Religion धार्मिक चालीसा पुस्तक |
File type - | PDF Format |
File size - | 300 KB |
शिव चालीसा क्या है?- Shiv Chalisa
सरल पद्धति से भगवान की पूजा करने के लिए जिस स्तोत्र का निर्माण किया जाता है अथवा यूं कहें कि सरल व सुगम लोकोपयोगी भाषा में जिस स्तोत्र की रचना की गयी है। उसी का एक रूप चालीसा नाम से प्रसिद्ध है।
चालीसा में कुल 40 पंक्तियां अर्थात 40 चौपाइयां होती हैं। इसीलिए इसको चालीसा कहा जाता है। भगवान शिव को समर्पित 40 चौपाइयों का अथवा 40 दिव्य पदों का संग्रह ही शिव चालीसा के नाम से प्रसिद्ध है।
शिव चालीसा का पाठ करना बहुत ही आसान है क्योंकि यह सरल हिंदी भाषा में होती है। शिव चालीसा का पाठ करने से विभिन्न प्रकार के आश्चर्यजनक लाभ होते हैं। भगवान शिव के भक्तों के लिए यह एक सरल एवम सुगम मार्ग है।
शिव चालीसा के फायदे
भगवान शिव की कृपा प्राप्ति के लिए शिव चालीसा का पाठ करना वैसे ही प्रभाव युक्त माना गया है। शिव पुराण में कहा गया है जो व्यक्ति नियमित रूप से शिव चालीसा का पाठ करता है।
सभी प्रकार के लोग एवं पारलौकिक मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। विशेष रूप से शिव चालीसा का पाठ करने से निम्न प्रकार के आश्चर्यजनक लाभ देखने को मिलते हैं।
- अच्छा जीवनसाथी मिलता है।
- भूत प्रेत आदि बाधा दूर होती है।
- मनोकामना पूर्ण होती है।
- मन स्थिर होने लगता है।
शिव चालीसा इन हिंदी लिरिक्स इमेज/ शिव चालीसा फोटो
यदि आप इमेज के फॉर्मेट में शिव चालीसा प्राप्त करना चाहते हैं तो गूगल पर आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। यहां भी हमने इमेज फॉर्मेट में शिव चालीसा का इमेज प्रस्तुत किया है। इसे आप आसानी से पढ़ सकते हैं। Shiv Chalisa PDF लिंक नीचे दिया गया है।
।।दोहा।। (Doha)
श्रीगणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥१।।
।।चौपाई।।
जय गिरिजा पति दीन दयाला।
सदा करत संतन प्रतिपाला॥१।।
भाल चंद्रमा सोहत नीके।
कानन कुंडल नागफनी के॥२।।
अंग गौर शिर गंग बहाये।
मुंडमाल तन छार लगाये॥३।।
वस्त्र खाल बाघंबर सोहे।
छवि को देख नाग मुनि मोहे॥४।।
मैना मातु की ह्वै दुलारी।
बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥५।।
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी।
करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥६।।
नंदि गणेश सोहै तहं कैसे।
सागर मध्य कमल हैं जैसे॥७।।
कार्तिक श्याम और गणराऊ।
या छवि को कहि जात न काऊ॥८।।
देवन जबहीं जाय पुकारा।
तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥९।।
किया उपद्रव तारक भारी।
देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥१०।।
तुरत षडानन आप पठायउ।
लवनिमेष महं मारि गिरायु॥११।।
आप जलंधर असुर संहारा।
सुयश तुम्हार विदित संसारा॥१२।।
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई।
सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥१३।।
किया तपहिं भागीरथ भारी।
पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥१४।।
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं।
सेवक स्तुति करत सदाहीं॥१५।।
वेद नाम महिमा तव गाई।
अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥१६।।
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला।
जरे सुरासुर भये विहाला॥१७।।
कीन्ह दया तहं करी सहाई।
नीलकंठ तब नाम कहाई॥१८।।
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा।
जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥१९।।
सहस कमल में हो रहे धारी।
कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥२०।।
एक कमल प्रभु राखेउ जोई।
कमल नयन पूजन चहं सोई॥२१।।
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर।
भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥२२।।
जय जय जय अनंत अविनाशी।
करत कृपा सब के घटवासी॥२३।।
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै ।
भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥२४।।
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो।
यहि अवसर मोहि आन उबारो॥२५।।
मातु पिता भ्राता सब कोई।
संकट में पूछत नहिं कोई॥२६।।
स्वामी एक है आस तुम्हारी।
आय हरहु अब संकट भारी॥२७।।
धन निर्धन को देत सदाहीं।
जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥२८।।
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी।
क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥२९।।
शंकर हो संकट के नाशन।
मंगल कारण विघ्न विनाशन॥३०।।
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं।
नारद शारद शीश नवावैं॥३१।।
नमो नमो जय नमो शिवाय।
सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥३२।।
जो यह पाठ करे मन लाई।
ता पर होत है शंभु सहाई॥३३।।
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी।
पाठ करे सो पावन हारी॥३४।।
पुत्र हीन कर इच्छा कोई।
निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥३५।।
पंडित त्रयोदशी को लावे।
ध्यान पूर्वक होम करावे ॥३६।।
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा।
तन नहीं ताके रहे कलेशा॥३७।।
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे।
शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥३८।।
जन्म जन्म के पाप नसावे।
अन्तवास शिवपुर में पावे॥३९।।
कहे अयोध्या आस तुम्हारी।
जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥४०।।
॥दोहा।। (Doha)
नित नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीस।
तुम मेरी मनकामना, पूर्ण करो जगदीश॥१।।
मगसर छठि हेमंत ॠतु, संवत चौसठ जान।
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥२।।
Click- सैकड़ों स्तोत्र व धार्मिक PDF डाउनलोड करें।
Shiv Chalisa PDF Download Link
प्रिय पाठकों, यदि आप शिव चालीसा पीडीएफ डाउनलोड करना चाहते हैं तो नीचे Shiv Chalisa PDF का डाउनलोड लिंक दिया गया है।
इसे आप आसानी से अपने मोबाइल अथवा अन्य डिवाइस में डाउनलोड कर सकते हैं और भगवान शिव की कृपा प्राप्ति के लिए शिव चालीसा का पाठ कर सकते हैं। यहां हमने शिव चालीसा गीता प्रेस गोरखपुर PDF डाउनलोड लिंक भी दिया है।
इन्हें भी देखें 👇👇
0 Comments
आपको यह लेख (पोस्ट) कैंसा लगा? हमें कमेंट के माध्यम से अवश्य बताएँ। SanskritExam. Com वेबसाइट शीघ्र ही आपके कमेंट का जवाब देगी। ❤