राहु को खुश करने के उपाय- Rahu Ko Khush Karne Ke Upay | Rahu Ka Upay
राहु कुंडली का एक ऐंसा भयानक पाप ग्रह, जो जातक के जीवन को उथल पुथल कर देता है। यदि राहु ग्रह खराब स्थिति में हो तो निश्चित रूप से ऐंसे व्यक्ति का जीवन घोर संकटों से घिर जाता है। राहु को पापग्रह माना जाता है क्योंकि राहु राक्षस कुल से है।
हालांकि यदि कुण्डली में राहु ग्रह अच्छी स्थिति में हो तो यह शुभ फल भी देता है। तथापि यदि किसी की कुण्डली में राहु खराब हो तो आज हम यहाँ राहु को खुश करने के उपाय बताने जा रहे हैं। जी हाँ, Rahu Ko Khush Karne Ke Upay अर्थात् कमजोर राहु को मजबूत करने के उपाय हम आपको बताने वाले हैं।
इसके अतिरिक्त हम आपको राहु से बचने के उपाय, राहु खराब होने के लक्षण, अशुभ राहु के उपाय, राहु का दान किस दिन करें, राहु के उपाय किस दिन करें इत्यादि राहु ग्रह से जुड़ी हर जानकारी दे रहे हैं।
यदि आप भी राहु ग्रह के दुष्प्रभावों से परेशान हैं अथवा राहु को खुश करने के लिए Rahu Ka Upay करना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को अंत तक पढते रहिए। आइये, सबसे जानते हैं राहु ग्रह क्या है व राहु खराब होने के लक्षण क्या हैं, Rahu Ka Upay
राहु ग्रह क्या है- राहु केतु
ग्रहरूपी जनार्दन भगवान नारायण ही नवग्रहों के रूप में अभिव्याप्त हुए हैं। नौ ग्रहों के बारें में तो आप सभी ने जरूर सुना होगा। इन नव ग्रहों में से दो ग्रह छाया ग्रह कहलाते हैं। ये दो ग्रह राहु व केतु हैं।
जन्मकुण्डली में भी राहु केतु को छाया ग्रह एवं पापग्रह माना गया है। राहु एवं केतु दोनों मूल रूप से एक ही हैं लेकिन इनके दो अलग अलग हिस्से हो गये। राहु का स्वरूप केवल सिर है तो केतु का केवल नीचे का भाग।
राहु को खुश करने के उपाय तो हम आपको बताएंगे ही लेकिन पहले यह जान लीजिए कि राहु व केतु पापग्रह क्यों माने जाते हैं, राहु को छाया ग्रह क्यों कहा जाता है। आइये, जानते हैं इसके पीछे की एक रोचक कथा।
राहु केतु से जुड़ी रोचक कथा
एक समय की बात है। भगवान विष्णु की प्रेरणा से देवताओं एवं असुरों ने समुद्र मंथन की योजन बनाई। समुद्र मंथन शुरु होने के बाद वहाँ से नाना प्रकार की दिव्य वस्तुएँ निकलने लगीं। कुल मिलाकर इस समुद्र मंथन से चौदह दिव्य वस्तुएँ निकली जिनमें से एक अमृतकलश भी था।
जब समुद्र मंथन से अमृत निकला तो यह एक चिंता का विषय बन गया। क्योंकि यदि देवताओं के साथ असुर भी अमृत पी जाते तो वे भी सदैव के लिए अमर हो जाते और संसार में सदैव के लिए संकट बने रहते।
अतः यह देवताओं के लिए एक समस्या सी बन गयी। यह स्थिति देखकर भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण कर देवताओं और असुरों को रिझाकर स्वयं अमृत पिलाने का निर्णय किया। जब भगवान विष्णु मोहिनी रूप में देवताओं को अमृत पिला रहे थे तो असुरों में से अचानक एक राक्षस को संदेह हो गया कि हमारे साथ अन्याय हो रहा है।
देवताओं को अमृत पिलाया जा रहा है और हमें केवल जल। तब वह असुर माया से देवताओं का रूप धारण कर देवताओं के बीच खड़ा हो गया। भगवान विष्णु मोहिनी रूप में उस असुर को भी देवता सकझकर अमृत पिलाने लगे।
जैंसे ही भगवान ने उसको अमृत दिया। तब तक सूर्य और चंद्र ने भगवान विष्णु को यह बता दिया कि ये देवता नहीं बल्कि देवताओं के वेश में कोई असुर अमृत पीने के लिए आ गया। इतना सुनते ही भगवान विष्णु मोहिनी रूप को बदलकर अपने वास्तविक रूप में आ गये और उस असुर को मारने भगवान विष्णु ने अपना सुदर्शन चक्र छोड़ दिया।
चूंकि असुर अब तक अमृत पी चुका था। भगवान विष्णु के चक्र से असुर का सिर अलग तो हो गया लेकिन वह अब भी जीवित था क्योंकि उसने अमृत पी लिया था। बस यहीं से राहु केतु का जन्म हुआ। उस असुर का सिर वाला भाग राहु तथा धड़ वाला भाग केतु नाम से अमर हो गया।
इस प्रकार भगवान ने राहु व केतु को नवग्रहों में स्थान दिया और चूँकि राहु केतु का जन्म राक्षस से हुआ। इसीलिए इनको पाप ग्रह कहा जाता है। राहु की उत्पत्ति हिरण्यकश्यप की बहन सिंहिका नाम की राक्षसी के गर्भ से हुई थी।
अतः राहु को सिंहिकेय या सिंहिकागर्भसंभूत भी कहा जाता है। राहु ग्रह पाप का द्योतक है। कुण्डली में यदि राहु ग्रह खराब स्थिति या बुरे भाव में बैठा हो तो यह जीवन को तहस नहस कर देता है।
अतः ऐंसी स्थिति में राहु को खुश करने के उपाय जरूर जानना चाहिए। आइये, जानते हैं- राहु के अचूक उपाय, Rahu Ko Khush Karne Ke Upay एवं अशुभ राहु के लक्षण
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राहु खराब होने के लक्षण
जब राहु खराब होता है तो यह व्यक्ति के जीबन को नर्क जैंसा बना देता है। राहु खराब होने पर वक्ति को चारों तरफ से धोखा मिलने लगता है। ऐंसे व्यक्ति पर झूठे इल्जाम भी लगते हैं और वह बिना बात के संकटों या विपत्तियों से घिर जाता है। राहु खराब होने के कुछ विशेष लक्षण नीचे दिए गये हैं।
- डिप्रेशन का शिकार होना।
- झूठे इल्जाम लगना।
- सम्बंधियों से धोखा मिलना।
- दाँतो की बिमारी होना।
- पेट के रोग होना।
राहु को खुश करने के उपाय- Rahu Ka Upay
कुंडली में यदि राहु खराब हो तो राहु से बचने के उपाय अवश्य करने चाहिए। राहु करोड़ पति को भिखारी बना देता है। राजा को रंक बना देता है। प्यार में भयंकर से भयंकर झगड़ा करवा देता है। बिना किसी कारण के कोर्ट केस या लड़ाई झगड़ा में फंसा देता है।
राहु बहुत ही क्रूर व पापी ग्रह माना गया है। अतः राहु को खुश करने का उपाय अवश्य करें। यहाँ हमने ज्योतिष शास्त्र एवं लाल किताब आदि विभिन्न ज्योतिषीय तत्वों के आधार पर राहु को खुश करने के उपाय बताए हैं। ये उपाय बहुत ही प्रभावी हैं। Rahu Ko Khush Karne Ke Upay
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राहु को खुश करने का मंत्र- Rahu Ka Upay Mantra
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रत्येक ग्रह को खुश (प्रसन्न) करने के लिए उनके बीजमंत्रों का जाप करना विशेष फलदायक माना गया है। राहु को खुश करने के लिए राहु के मंत्र का प्रतिदिन नौ दिन तक 108 बार जाप करें।
इससे कुंडली में राहु दोष की शांति होती है व अशुभ राहु के दुष्प्रभावों से छुटकारा मिलता है। राहु के मंत्र का जाप करना राहु को खुश करने के उपायों में से एक विशेष उपाय है। राहु के कुछ विशेष प्रभावी मंत्र नीचे दिए गये हैं।
राहु का बीज मंत्र- जाप मंत्र
ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः।।
राहु का ध्यान मंत्र
अर्धकायं महावीर्यं चन्द्रादित्यविमर्दनम्।
सिंहिकागर्भसंभूतं तं राहुं प्रणमाम्यहम्।।
राहु का दूसरा जप मंत्र
ॐ श्री रां राहवे नमः।।
इस प्रकार उपरोक्त मंत्रो का जाप करने से राहु को खुश किया जा सकता है। कमजोर राहु मजबूत हो जाता है व अपने शुभ फल देने लगता है।
राहु को खुश करने के उपाय किस दिन करें
अब सवाल यह होता है कि राहु का जाप अथवा राहु की पूजा आदि किस दिन करें। राहु का उपाय किस दिन करें। राहु को सात दिनों में से शनिवार का दिन समर्पित है।
शनिवार को राहु केतु शनि तीनों ग्रहों की पूजा की जाती है। अतः यदि आप राहु का उपाय करना चाहते हैं तो शनिवार को ही करें। शनिवार को वायव्य कोण में राहु का निवास होता है।
राहु का दान किस दिन करें
राहु का दान भी शनिवार को ही करना चाहिए। शनिवार ही राहु का वार माना गया। अतः इस दिन राहु की पूजा करें एवं दान इत्यादि सभी कार्य सम्पादित करें।
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राहु को खुश करने का यंत्र- Rahu Ka Upay Yantra
राहु को प्रसन्न करने के लिए राहु के यंत्र को अपने घर के वायव्य कोण में रखें एवं शनिवार को इसकी पूजा करें। राहु का यंत्र बहुत ही दिव्य एवं चमत्कार करने वाला है। इससे शीघ्र ही राहु दोष की शांति हो जाती है।
यदि आपको राहु यंत्र के बारें में पता नहीं है अथवा आपके पास राहु यंत्र नहीं है तो आप घर बैठे राहु यंत्र मंगवा सकते हैं। यहाँ हमने राहु यंत्र खरीदने का लिंक दिया है। घर बैठे, अभी मंगवाएं।
राहु को खुश करने के लिए रत्न- Rahu Ka Upay
यदि कुण्डली का राहु अशुभ स्थिति में बैठा हो। जीवन में राहु से परेशान हों तो राहु का रत्न धारण करना बहुत ही ज्यादा प्रभावी होता है। रत्न धारण करने पर किसी भी प्रकार की अन्य पूजा अथवा जप आदि की विशेष आवश्यकता नहीं रह जाती।
मात्र रत्न धारण करने से अशुभ ग्रह अपने अशुभ फलों को त्यागकर अपने शुभफल देने लग जाता है। राहु का रत्न गोमेद है। गोमेद को चांदी, तांबा, लोहा अथवा सोने मे अंगूठी आदि बनाकर धारण करें।
यदि आप राहु का रत्न गोमेद घर बैठे मंगवाना चाहते हैं तो नीचे गोमेद तथा गोमेद की अंगूठी आदि खरीदने का लिंक दिया गया है। आसानी से इसे मंगवा सकते हैं।
राहु ग्रह से संबंधित पूछे गये सवाल FAQs
- राहु कब शुभ फल देता है?
उत्तर- राहु यदि तीसरे, छठवें अथवा दसवें भाव में हो तो यह यह शुभ फल देता है। राहु 3,6 तथा 10वें भाव का कारक है। यदि राहु कुंडली के दसवें भाव में हो तो यह विशेष राजयोग बनाता है।
- राहु का दान क्या है?
उत्तर- राहु को खुश करने के लिए शनिवार के दिन राहु का दान अवश्य करें। सरसों, गेहूँ, जौ, काले रंग के कपड़े, गोमेद रत्न, कोयला, सप्तधान्य आदि राहु के दान की वस्तुएँ हैं।
- राहु की शांति के लिए क्या करें?
उत्तर- राहु ग्रह की शांति के लिए राहु का दान करें। राहु की पूजा करवाएं। राहु का रत्न धारण करें। यदि राहु अधिक अशुभ हो तो शीघ्र ही राहु का एक अनुष्ठान करें- इससे राहु तुरंत शांत हो जाता है।
- राहु खराब होने पर क्या होता है?
उत्तर- जब राहु खराब होता है तो आर्थिंक तंगी आने लगती है। बात बात पर गुस्सा आने लगता है। मानसिक तनाव होने लगता है। रिश्तों में दरार पड़ने लगती हैं। पेट संबधित रोग होने लगते हैं। शत्रु बढने लगते हैं।
- राहु कौन सी बीमारी देता है?
उत्तर- राहु ग्रह के अशुभ होने पर यह जातक को उदर संबंधित रोग देता है। अनिद्रा, आलसीपन, मानसिक तनाव, मष्तिष्क रोग, हड्डी के रोग, चमड़ी के रोग आदि अशुभ राहु के कारण होते हैं।
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