सबसे ताकतवर मां काली का सुरक्षा घेरा मंत्र • काली सुरक्षा घेरा मंत्र
प्रिय पाठकों, हिंदू धर्म में आदिशक्ति मां जगदंबा भवानी के विभिन्न अवतार हुए हैं। इन सभी अवतारों में तीन अवतार मूल रूप से विद्यमान हैं। महाकाली महालक्ष्मी एवं महासरस्वती। यह तीन अवतार संसार की अथवा ब्रह्मांड की आदि शक्ति के रूप में जाने जाते हैं। महाकाली साक्षात महाकाल अर्थात भगवान शंकर रौद्र रूप का प्रतिरूप ही है।
महाकाली का स्वरूप अत्यंत ही भयानक, खून से भरी लाल जिह्वा, गले में कंकाल तंत्र अर्थात मुंडो की माला एवं घनघोर काले अंधकार जैसा भयानक रूप दुष्टों का संहार करने वाला बताया गया है। कहा जाता है कि महाकाली का अवतार पापियों का नाश करने के लिए ही हुआ था।
रक्तबीज जैसे असुरों को मारने के लिए ही आदि शक्ति जगदंबा को महाकाली का रूप धारण करना पड़ा था। महाकाली एक बहुत ही भयानक रूद्र रूप है। नवरात्रि अथवा किसी भी देवी पूजा में महाकाली की पूजा अवश्य होती है।
महाकाली की पूजा करते वक्त सबसे ताकतवर मां काली का सुरक्षा घेरा मंत्र अवश्य जाना चाहिए। जब पूजा करने वाला साधक चारों तरफ से मां काली का सुरक्षा घेरा मंत्र से अपने स्थान को सुरक्षित कर लेता है तो उसके बाद उस स्थान पर किसी भी प्रकार का भय नहीं रहता है।
एक ओर मां काली जहां दुष्टों का नाश करने वाली है। वहीं दूसरी ओर मां काली अपने भक्तों के लिए मनोवांछित फल देने वाली एवं अभय वरदान देने वाली होती है। आइए जानते हैं सबसे ताकतवर मां काली का सुरक्षा घेरा मंत्र के बारे में
सुरक्षा घेरा क्या होता है?
जब भी साधक कोई पूजा करता है अथवा किसी विशेष अनुष्ठान की शुरुआत करता है तो अनुष्ठान में तरह-तरह की बाधाएं आने लगती हैं। भूत प्रेत डाकिनी शाकिनी हाकिनी आदि विभिन्न प्रकार की प्रेत शक्तियां अनुष्ठान में आने लगती हैं।
इन सभी बाधाओं को दूर करने के लिए सुरक्षा घेरा बनाया जाता है। इस सुरक्षा घेरे को मंत्रों से कीलित किया जाता है। इसके बाद उस स्थान पर किसी भी नकारात्मक शक्ति का अथवा किसी भी बाधा का प्रवेश नहीं होता है।
मां काली सुरक्षा घेरा कैसे बनाएं?
मां काली सुरक्षा घेरा बनाने के लिए साधक को कुछ विशेष नियमों को ध्यान रखना आवश्यक है। नवरात्रि पूजा में अथवा विशेष अनुष्ठानों में मां काली सुरक्षा घेरा सभी प्रकार की बाधाओं से रक्षा करता है।
महाकालेश्वर का घेरा बनाने के लिए सबसे पहले मां काली की पूजा अर्चना कर अपने आसन आदि को पवित्र कर लें। तत्पश्चात किसी चाकू इत्यादि पर रक्त रंग (रोली) लगाकर उसे सबसे ताकतवर मां काली का सुरक्षा घेरा मंत्र से अभिमंत्रित करें। इसके बाद सुरक्षा घेरा बनाना शुरू करें। आइए जानते हैं- सबसे ताकतवर मां काली का सुरक्षा घेरा मंत्र क्या है?
सबसे ताकतवर मां काली का सुरक्षा घेरा मंत्र
आदि शक्ति महाकाल रूपिणी मां काली समस्त प्रकार की बाधाओं को क्षण भर में दूर कर लेती हैं। मां काली का सुरक्षा घेरा मंत्र भी विभिन्न प्रकार का है। यहां कुछ विशेष सबसे ताकतवर मां काली का सुरक्षा घेरा मंत्र बताया गया है।
ॐ ‘क्रीं ह्रीं काली ह्रीं क्रीं स्वाहा’
ॐ "क्रीं कालिकायै नमः रक्ष रक्ष"
ओम नमो काली कंकाली महाकाली मुख सुंदर जिह्वा वाली,
चार वीर भैरों चौरासी, चार बत्ती पूजूं ए मिठाई,
अब बोलो काली की दुहाई
ॐ कलिका खड़ग-खप्पर लिए खड़ी,
जोत तेरी है निराली,
पीती भर-भर रक्त प्याली,
करे भक्तों की रखवाली,
ना करे रक्षा तो महाबली भैरव की दुहाई।
उपरोक्त दिए गए मंत्रों का प्रयोग बिना गुरु के ना करें वैसे किसी भी साधना को करने से पहले गुरु से आज्ञा उसे लें। ऊपर दिए गये सबसे ताकतवर मां काली का सुरक्षा घेरा मंत्र हैं।
मां काली के सुरक्षा घेरा मंत्र से क्या होता है?
मां काली सुरक्षा घेरा मंत्र का प्रयोग करने से उस स्थान पर किसी भी प्रकार की बाधा नकारात्मक ऊर्जा प्रविष्ट नहीं होती है। मां काली का सुरक्षा घेरा मंत्र विशेष अनुष्ठानों में ही लगाना चाहिए।
इस प्रकार के मंत्र शमशान की पूजा में अथवा किसी रात्रि पूजा में लगाए जाते हैं। ऊपर मां काली का सुरक्षा घेरा मंत्र दिया गया है। उसमें से कुछ साबर मंत्र भी हैं जो कि बहुत ही ज्यादा प्रभावी हैं। उनका प्रयोग विशेष परिस्थिति में ही करना चाहिए।
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मां काली को खुश करने के उपाय
आदि शक्ति मां महामाया जगदंबा का विकराल रूप महाकाली बहुत ही भयानक एवं डरावना सा प्रतीत होता है। सामान्य मानव तो मां काली के इस भयानक रूप को देख कर के डर ही जाते हैं। मां काली अपने भक्तों के लिए सदैव ममता का रूप है।
वह अपने भक्तों पर अपनी ममतामई कृपा करती रहती हैं। मां काली को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूर्ण भक्ति भाव से पूजा करनी चाहिए। मां काली को धूप दीप पत्र पुष्प आदि चढ़ाकर उन्हें गुड़ का भोग लगाएँ। मां काली को अनार का रस चढ़ाएं। इससे मां काली बहुत ही प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर असीम कृपा करती हैं।
रावण कृत अघोर काली मंत्र (काली रक्षा मंत्र)
हिंदू धर्म में रावण को एक ओर जहां पापी बताया जाता है। वहीं रावण के बराबर विद्वान तीनों लोकों में कोई नहीं था। नहीं वर्तमान में है और ना कभी भविष्य में होगा। रावण बहुत ही बड़ा विद्वान था।
रावण ने तंत्र मंत्र यंत्र आदि की सिद्धि प्राप्त की थी। शिव तांडव स्तोत्र जैसे अद्भुत स्तोत्र की रचना रावण ने ही की थी। रावण ने मां काली की भी सिद्धि प्राप्त की थी। रावण ने अघोर काली की घोर साधना से मां काली को प्रसन्न किया। रावण विभिन्न प्रकार की यक्ष यक्षिणी किन्नर आदि को भी अपने वश में करता था।
रावण ने विभिन्न तांत्रिक ग्रंथों की रचना भी की है स्वयं रावण ने अपनी रावण संहिता में यक्षिणी की साधना के लिए एक भयंकर अघोर मंत्र का उल्लेख किया है- ॐ क्लीं ह्रीं ऐं ओं श्रीं महा यक्षिण्यै सर्वैश्वर्यप्रदात्र्यै नमः॥
वास्तव में रावण अपने आप में बहुत बड़ा विद्वान तथा बहुत बड़ा तांत्रिक भी था। आज भी रावण संहिता जैसे रावण द्वारा विरचित ग्रंथ विभिन्न तांत्रिक कार्यों के लिए अपनाए जाते हैं।
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