कामाख्या देवी मंदिर का रहस्य जानकर होश उड़ जाएँगे || हैरान कर देने वाले- कामाख्या देवी मंदिर के रहस्य 😲
भारत भूमि में आदि शक्ति जगदंबा के 51 शक्ति पीठ हैं। विभिन्न स्थानों पर सती के विभिन्न अंग गिरे, जिनसे कि शक्तिपीठ बने। इन 51 शक्तिपीठों में से ही एक विशेष शक्तिपीठ है- मां कामाख्या देवी का मंदिर।
वैसे देखा जाए तो सभी शक्तिपीठों में यह कामाख्या देवी मंदिर शक्तिपीठ सबसे आश्चर्यजनक एवं रहस्यमय व हैरान कर देने वाला है। यही कारण है कि कामाख्या शक्तिपीठ विभिन्न तंत्र-मंत्र एवं मनोकामनाओं का मुख्य द्वार माना जाता है। यह वो स्थान है जहां हर भक्त की मनोकामना पूर्ण हो जाती है।
जी हां, भारत के असम प्रदेश में स्थित मां कामाख्या देवी मंदिर अत्यंत रहस्यमय एवं होश उड़ाने वाला है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको कामाख्या देवी मंदिर का रहस्य एवं मां कामाख्या देवी मंदिर के बारे में संपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं।
अतः यदि आप भी अपनी सभी प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करना चाहते हैं और कामाख्या देवी के गुप्त रहस्यों को जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़िए।
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कहाँ है कामाख्या देवी मंदिर?
कामाख्या देवी मंदिर असम प्रदेश की राजधानी दिसपुर से तकरीबन 7 किलोमीटर दूरी पर स्थित अद्भुत नीलांचल पर्वत के करीब है। यह एक ऐसा शक्तिपीठ है जो 51 शक्तिपीठों में से अद्वितीय एवं महा शक्तिपीठ के रूप में जाना जाता है।
यहां आने से भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है। यह वह स्थान है जहां जगदंबा सती का योनि भाग गिरा था। सबसे हैरान कर देने वाली बात यह है कि इस मंदिर में किसी भी प्रकार की मूर्ति अथवा कोई चित्र आदि नहीं है बल्कि मंदिर के गर्भ गृह में योनि कुंड है जिससे कि जल और रक्त बहता रहता है।
यह एक ऐसा मंदिर है जहां माता अपने मासिक धर्म में भी होती है। योनि रूप में यह मंदिर अत्यंत रहस्यमय एवं तंत्र- मंत्र सबका मूल है। कामाख्या देवी मंदिर का रहस्य व गुप्त हैरान कर देने वाली बातों को जानने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ते रहिए।
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क्यों पड़ा- कामाख्या नाम
भगवान विष्णु ने जब अपने चक्र से माता सती के 51 भाग किए तो फिर भगवान शंकर ने माता सती को चारों दिशाओं में घुमाया और भारत के कोने कोने में यह 51 भाग गिरने लगे।
असम की धरती पर मां सती का योनि भाग पड़ा। योनि सृष्टि का मूल है, जहां से सृष्टि उत्पन्न होती है। योनि काम का मूल है। सभी कामनाओं को पूर्ण कर देने वाला तंत्र का नाम है- योनि।
अतः कामरूपिणी, सभी कामनाओं को पूर्ण कर देने वाली, मां जगदंबा का यह स्थान कामाख्या देवी मंदिर के नाम से विख्यात हुआ। यही कारण है कि मां कामाख्या देवी का मंदिर बहुत ही गूढ़ रहस्यों से भरा हुआ है। आइए जानते हैं कामाख्या देवी मंदिर का रहस्य
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कामाख्या देवी मंदिर का रहस्य- 01
कामाख्या मंदिर भारत का एकमात्र ऐसा शक्तिपीठ है जहां माता की योनि की पूजा की जाती है। यहाँ गर्भ गृह में पत्थर की योनि बनी हुई है।
कामाख्या देवी मंदिर का रहस्य- 02
हैरान कर देने वाली बात है कि कामाख्या मंदिर में माता महीने के तीन से चार दिन मासिक धर्म में होती है और उस दौरान इस शिला योनि से खून भी निकलता है। अतः इन दिनों मंदिर पूर्ण रुप से बंद रहता है।
कामाख्या देवी मंदिर का रहस्य- 03
यहां जो भी भक्त आता है उसको प्रसाद रूप में एक भीगा हुआ लाल कपड़ा दिया जाता है। यह एक अत्यंत हैरान कर देने वाली रहस्यमय बात है।
कामाख्या देवी मंदिर का रहस्य- 04
कामाख्या देवी मंदिर तांत्रिक एवं अघोरियों का सबसे विशेष एवं चमत्कारिक स्थान है। यहां गुप्त से गुप्त, महान से महान साधना फलित होती है।
कामाख्या देवी मंदिर का रहस्य- 05
कामाख्या मंदिर तंत्र साधना के लिए सर्वश्रेष्ठ एवं चमत्कारिक स्थान माना गया है। यहां अघोरियों एवं तांत्रिकों की भीड़ लगी रहती है। विभिन्न प्रकार के जादू टोने आदि से भी यहां आकर छुटकारा पाया जा सकता है।
कामाख्या देवी मंदिर का रहस्य- 06
मां कामाख्या के इस नीलांचल पर्वत पर ही शिव के द्वारा भस्म हुए कामदेव को पुनः जीवनदान दिया गया था। अतः यह स्थान कामरूप के नाम से भी जाना जाता है।
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कामाख्या मंदिर का प्रसिद्ध मेला- अंबुबाची मेला
वैसे तो कामाख्या मंदिर में साल के 12 महीनों भीड़ ही लगी रहती है लेकिन प्रत्येक वर्ष, जून के महीने कामाख्या देवी मंदिर में एक विशेष मेला अंबुबाची मेले का आयोजन होता है।
हैरान कर देने वाली बात है कि इस मेले में मंदिर के नजदीक ब्रह्मपुत्र नदी का पानी 3 दिन के लिए लाल हो जाता है। कहा जाता है कि यह पानी मां कामाख्या के मासिक धर्म से निकले हुए रक्त के कारण लाल होता है।
3 दिन बाद पुनः भक्तों की भारी संख्या में भीड़ एकत्रित होती है और इस रहस्यमय मेले का आनंद लेती है। आइए, हमारे दर्शकों द्वारा पूछे गए कुछ कामाख्या देवी मंदिर से जुड़े सवाल जवाब पढ़ लीजिए।
- कामाख्या माता कौन है?
कामाख्या देवी मां शक्ति का अवतार एवं सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला, योनि रूप में कामरूपिणी कामाख्या, आदि शक्ति जगदंबा ही है। कामाख्या शब्द सभी कामनाओं को पूर्ण करने वाला है।
- कामाख्या देवी कब जाना चाहिए?
भक्त अपनी इच्छा अनुसार मां कामाख्या के दर्शन करने के लिए कभी भी जा सकते हैं। विशेष रूप से जून के महीने में संभवतः मां कामाख्या देवी मंदिर में सबसे महान पर्व- अंबुबाची मेले का आयोजन किया जाता है। इस समय जाना भी बेहद शुभ एवं मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला होता है।
- ब्रह्मपुत्र नदी का पानी लाल क्यों हो जाता है?
जब माता अपने मासिक धर्म अर्थात रजस्वला स्थिति में होती है तो उससे निकलने वाला रक्त संपूर्ण ब्रह्मपुत्र नदी को रक्तमय अर्थात लाल कर देता है। यही कारण है कि ब्रह्मपुत्र नदी का पानी लाल हो जाता है।
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1 Comments
बहुत अच्छा लगा । आपने तो मां देवी को अद्भूत तरीके से सजा दिया । बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी है सभी विद्यार्थी के लिए..
ReplyDeleteआपको यह लेख (पोस्ट) कैंसा लगा? हमें कमेंट के माध्यम से अवश्य बताएँ। SanskritExam. Com वेबसाइट शीघ्र ही आपके कमेंट का जवाब देगी। ❤