गरुड़ पुराण कब पढ़ना चाहिए:: नियम, पढने के फायदे व रहस्य 😲😲
हिंदू धर्म में 18 पुराण अति प्रसिद्ध है। इन 18 पुराणों में से गरुड़ पुराण एक रहस्यात्मक पुराण है। मौत के बाद क्या होता है ? क्या सच में पाप करने वाले को तेल की कढ़ाई में तला जाता है 😳 सांप काटते हैं 🐍 बिछू डसते हैं 🦂 इत्यादि मृत्यु के पश्चात होने वाली घटनाओं से जुड़े रहस्य गरुड़ पुराण में स्पष्ट किए गए हैं।
यदि आप अभी गरुड़ पुराण को पढ़ना चाहते हैं। अथवा गरुड़ पुराण के बारे में रहस्यमयी बातें जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़िए। इसी के साथ इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि गरुड़ पुराण कब पढ़ना चाहिए।
गरुड़ पुराण पढ़ने के नियम एवं आश्चर्यजनक लाभ क्या हैं। इन सब की जानकारी आपके साथ साझा कर रहे हैं। तो आइए इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ते रहिए।
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क्या है- गरुड़ पुराण का रहस्य 🤔❓
18 पुराणों में से गरुड़ पुराण एक अति विशिष्ट एवं रहस्यों से भरा महापुराण है। सामान्य रूप से गरुड़ पुराण का नाम भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ के कारण रखा गया है। गरुड़ को कश्यप ऋषि का पुत्र माना गया है और वही गरुड़ भगवान विष्णु के वाहन के रूप में भी जाने जाते हैं।
एक समय की बात है। गरुड़ ने अपने भगवान श्री विष्णु नारायण से मृत्यु के पश्चात होने वाली घटनाओं के विषय में बहुत ही गंभीर एवं रहस्यमय प्रश्न पूछे। जिसके फल स्वरुप भगवान विष्णु ने इनका विस्तार पूर्वक उत्तर दिया। इन प्रश्नों एवं उत्तरों का वर्णन गरुड़ पुराण में किया गया है।
इसके अतिरिक्त गरुड़ पुराण में विभिन्न प्रेत कल्प, मृत्यु के पश्चात होने वाली भयंकर सी घटनाएं एवं पाप कर्म, पुण्यकर्म फलों के बारे में विस्तृत चर्चा की गई है। आइए जानते हैं, गरुड़ पुराण क्यों पढ़ना चाहिए और गरुड़ पुराण कब पढ़ना चाहिए?
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गरुड़ पुराण कब पढ़ना चाहिए 🤔❓
वैंसे तो गरुड़ पुराण को पढ़ने के लिए बहुत से नियम है। धर्मशास्त्र की मानें तो गरुड़ पुराण मृत्यु के बाद ही पढ़ा जाता है। अर्थात जिस व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है उसे गरुड़ पुराण सुनाया जाता है।
कहा जाता है कि मनुष्य की मृत्यु के बाद जब उसे गरुड़ पुराण सुनाया जाता है तो इससे उसे सद्गति अर्थात मोक्ष की प्राप्ति होती है एवं पाप कर्मों से छुटकारा मिलता है। इससे यह स्पष्ट होता है कि गरुड़ पुराण को अवश्य पढ़ना चाहिए।
यहां ध्यान देने योग्य बात यह है की गरुड़ पुराण मैं तुझसे पहले भी पढ़ा जा सकता है। जी हां, यदि कोई व्यक्ति गरुड़ पुराण पढ़ने का इच्छुक हो तो वह शुद्ध मन से पवित्र होकर गरुड़ पुराण का पाठ कर सकता है। गरुड़ पुराण को पढ सकता है। इससे विशिष्ट फल की प्राप्ति होती है और अंत में मोक्ष का द्वार प्रशस्त होता है।
क्या हैं- गरुड़ पुराण पढ़ने के नियम 🤔❓
गरुड़ पुराण एक रहस्यात्मक पुराण है। अतः गरुड़ पुराण को पढ़ने से पहले कुछ सावधानियां अवश्य बरतनी चाहिए। गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद की स्थितियों का वर्णन किया गया है।
अतः गरुड़ पुराण मृत व्यक्ति को ही सुनाया जाता है। मृत्यु के दिन से लेकर 13 दिन तक व्यक्ति अपनों के बीच ही रहता है। इसलिए इन 13 दिनों तक गरुड़ पुराण का पाठ करने का विधान है। 13 दिन तक गरुड़ पुराण का पाठ करने से मृतक व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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क्या गरुड़ पुराण की किताब घर में रखनी चाहिए 🙄
कुछ लोगों के मन में यह जिज्ञासा एवं संदेह सा बना रहता है कि गरुड़ पुराण की किताब को घर में रखे या ना रखें। यहां तक कि समाज में इस प्रकार की भ्रांतियां भी हैं कि गरुड़ पुराण को घर में नहीं रखना चाहिए, जो कि सर्वथा अनुचित है।
गरुड़ पुराण 18 पुराणों में से एक अति विशिष्ट पुराण है जो कि मोक्ष का साधन भूत है। अतः घर में गरुड़ पुराण की पुस्तक अवश्य रखनी चाहिए। घर में गरुड़ पुराण की पुस्तक रखने से विभिन्न प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा एवं विभिन्न प्रकार के रोग दोष आदि से छुटकारा मिलता है।
जानिए- गरुड़ पुराण पढ़ने के फायदे 😍
गरुड़ पुराण कब पढ़ना चाहिए गरुड़ पुराण क्यों पढ़ना चाहिए यह तो आपने समझ लिया है लेकिन शायद आपको यह पता ना हो कि गरुड़ पुराण पढ़ने से बहुत ही आश्चर्यजनक लाभ देखने को मिलते हैं जी हां गरुण पुराण पढ़ने से आध्यात्मिक मानसिक एवं भौतिक तीनों प्रकार के लाभ होते हैं।
- गरुड़ पुराण पढ़ने से भूत प्रेत आदि से भय नहीं होता है।
- गरुड़ पुराण का पाठ करने से नकारात्मकता दूर होती है।
- गरुड़ पुराण पढ़ने से मानसिक बेचैनी खत्म होती है।
- गरुड़ पुराण पढ़ने से सद्गति की प्राप्ति होती है।
- गरुड़ पुराण का पाठ करने से पाप कर्म से छुटकारा मिलता है।
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लोगों ने यह भी पूछा (People Also Asked this)
- गरुड़ पुराण घर में रखने से क्या होता है?
जिस घर में गरुड़ पुराण की पुस्तक रखी होती है उस घर में किसी भी प्रकार का भूत प्रेत आदि भय नहीं होता है। गरुड़ पुराण को घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा का शमन होता है।
- गरुड़ पुराण कब और कैसे पढ़ना चाहिए?
गरुड़ पुराण को मृत्यु के पश्चात मृतक को सुनाना चाहिए। स्वयं के लिए गरुड पुराण को कभी भी शुद्ध स्नानादि करके, भगवान नारायण का पूजन करते हुए पाठ करना चाहिए।
- गरुड़ पुराण कितने दिन का होता है?
गरुड़ पुराण मृत्यु के बाद 13 दिन तक किया जाता है। मृत्यु होने के बाद तेरहवीं तक रोज गरुड़ पुराण का पाठ करने से सद्गति की प्राप्ति होती है।
- गरुड़ पुराण पढ़ने से क्या होता है?
गरुड़ पुराण पढ़ने से धर्म एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है। पाप कर्मों से छुटकारा मिलता है तथा सत्कर्मों की ओर प्रवृत्ति होती है। मृत्यु के बाद मुक्ति का द्वार खुलता है।
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प्रिय पाठकों, आज के इस आर्टिकल के माध्यम से गरुड़ पुराण कब पढ़ना चाहिए, गरुड़ पुराण पढ़ने की नियम क्या हैं, गरुड़ पुराण से जुड़ी तमाम आवश्यक जानकारी आपके साथ साझा की गई। हमें उम्मीद है कि आपने गरुड़ पुराण के विषय में बहुत कुछ नया समझा एवं जाना होगा। धन्यवाद।
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