महामृत्युंजय मंत्र जाप के फायदे - अद्भुत चमत्कारिक फायदे
संपूर्ण ब्रह्मांड का सर्व शक्तिशाली मंत्र महामृत्युंजय मंत्र है। महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव का एक विशेष प्रभावी मंत्र है। भगवान भोलेनाथ को यह मंत्र अत्यंत प्रिय है। विभिन्न शास्त्रों में महामृत्युंजय मंत्र की महिमा का विशेष उल्लेख पाया जाता है।
मृत्यु पर विजय प्राप्त करने के लिए एवं दीर्घायु प्राप्ति के लिए ब्रह्मांड में महामृत्युंजय मंत्र सबसे श्रेष्ठ एवं प्रभावशाली है। महामृत्युंजय मंत्र साक्षात भोलेनाथ का प्रिय मंत्र है। इस मंत्र की शुरुआत भगवान श्री शिव के संबोधन से होती हैं।
सभी प्रकार की अकाल मृत्यु, भूत बाधा, प्रेत बाधा, कालसर्प दोष आदि की निवृत्ति के लिए शास्त्रों में महामृत्युंजय मंत्र का विधान बताया गया है। महामृत्युंजय मंत्र के बहुतेरे चमत्कारिक रहस्य हैं- इसमें कोई भी संदेह नहीं है।
महामृत्युंजय मंत्र के जाप से लौकिक एवं पारलौकिक अनेकानेक लाभ प्राप्त होते हैं। जी हां, महामृत्युंजय मंत्र जाप के फायदे एवं महामृत्युंजय मंत्र के चमत्कारिक रहस्य इस दिव्य लेख के माध्यम से बताए जा रहे हैं।
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शास्त्रों में महामृत्युंजय मंत्र जाप - वर्णन
मृत्यु पर विजय प्राप्ति के लिए एवं अकाल मृत्यु, अल्पायु, शारीरिक रोग आदि का शमन करने के लिए महामृत्युंजय मंत्र जाप का अत्यधिक महत्व बताया गया है। शिव पुराण, लिंग पुराण तथा वेदों में महामृत्युंजय मंत्र की गौरवमयी गाथा व महिमा का वर्णन किया गया है।
महामृत्युंजय मंत्र कैसे पढ़ा जाता है
महामृत्युंजय मंत्र को पढ़ने के लिए सबसे पहले वेद मंत्रों का ज्ञान होना आवश्यक है क्योंकि महामृत्युंजय मंत्र वेद से लिया गया है। अतः वेदों के मंत्रों को पढ़ने से पहले किसी गुरु की शरण अवश्य लेनी चाहिए।
यद्यपि वर्तमान में इस डिजिटल दुनिया में कोई भी मंत्र ऑनलाइन मिल जाता है लेकिन वह उतना प्रभावी नहीं होता महामंत्र जय मंत्र सही ढंग से पढ़ने के लिए आप हमसे संपर्क कर सकते हैं।
महामृत्युंजय जाप कितने दिन का होता है
महामृत्युंजय जाप विभिन्न प्रकार की मनोकामना के आधार पर अलग-अलग प्रकार से किया जाता है। शिव पुराण के अनुसार महामृत्युंजय जाप एक सोमवार से लेकर दूसरे सोमवार तक करना चाहिए।
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महामृत्युंजय मंत्र जाप कम से कम कितना करना चाहिए
महामृत्युंजय मंत्र जाप 1 दिन में कम से कम 108 बार जरूर करना चाहिए। यदि समय कम हो तो विशेष परिस्थिति में 11 बार महामृत्युंजय का जप अवश्य करें।
महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ क्या होता है
मृत्यु पर विजय प्राप्त करने वाले को मृत्युंजय कहा जाता है महान से महान मृत्यु पर जो विजय दिला दे ऐसा जो मंत्र है उसी को महामृत्युंजय मंत्र कहा जाता है।
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महामृत्युंजय मंत्र जाप के फायदे
हिंदू धर्म में महामृत्युंजय मंत्र को संजीवनी जीवनदायिनी शक्ति का मूलक माना गया है। समस्त ब्रह्मांड में केवल महामृत्युंजय मंत्र ही ऐंसा है जो शक्ति व शिव दोनों का सामुदायिक रूप से समाहृत करके भगवान शिव के त्रिनेत्र त्र्यम्बक रूप का स्मरण करते हुए संजीवनी शक्ति प्रदान करता है।
महामृत्युंजय मंत्र विद्या, बुद्धि, सुख, समृद्धि, ऐश्वर्य, आयु, आरोग्य आदि की वृद्धि करने वाला है। महामृत्युंजय मंत्र जाप के फायदे अनेकानेक हैं।
कहा जाता है कि यदि कोई भक्त एक वर्ष तक लगातार भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र का जाप करता है तो ऐंसे भक्त को जीवन में किसी भी प्रकार का शारीरिक रोग,मानसिक रोग अथवा किसी भी प्रकार की व्याधि नहीं होती है।
नित्य प्रतिदिन प्रातः काल महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से शिवत्व शक्ति की प्राप्ति होती है। महामृत्युंजय मंत्र जाप के फायदे व महामृत्युंजय मंत्र जाप से होने वाले आश्चर्यजनक लाभ यंहा बताए जा रहे हैं।
- महामृत्युंजय मंत्र जाप से आयु वृद्धि होती है।
- महामृत्युंजय मंत्र के जाप करने से सभी प्रकार के रोग दूर होते हैं।
- जो भक्त रोज महामृत्युंजय का जाप करता है उसको भूत प्रेतादि से भय सर्वदा के ख़त्म हो जाता है।
- महामृत्युंजय मंत्र जाप से कालसर्प दोष की शान्ति होती है।
- महामृत्युंजय मंत्र जपने से दुःस्वप्न, मांगलिक दोष, नाड़ी दोष, गर्भ नाश, संतान बाधा आदि दोषों का नाश होता है।
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महामृत्युंजय मंत्र का जाप कितनी बार करना चाहिए
किसी भी मंत्र की जाप संख्या का निश्चय व निर्धारण उस मंत्र के का जाप करने वाले की ईष्ट सिद्धि पर निर्भर करता है। अर्थात् जपार्थी किस उद्देश्य से जाप कर रहा है इसके आधार पर जप संख्या का निर्धारण होता है।
सामान्य रूप से सुख, समृद्धि की कामना हेतु 108 बार प्रतिदिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। यदि समय प्राप्त हो तो यथाशक्ति प्रतिदिन 11 माला भी कर सकते हैं।
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