महामृत्युंजय मंत्र में छिपा है हर समस्या का समाधान | Mahamrityunjay Mantra In Hindi
जय शिव शंकर की, हर हर महादेव, 🚩🚩
देवों के देव महादेव को प्रसन्न करने के लिए यदि कोई अद्भुत एवं चमत्कारिक मंत्र है तो उसका नाम है- महामृत्युंजय मंत्र। जी हां, यह एक ऐसा मंत्र है जो कि मृत्यु पर भी विजय प्राप्त करवा देता है। इसी कारण इसका नाम महामृत्युंजय मंत्र पड़ा है।
संजीवनी विद्या से जो फल प्राप्त होता है वही फल महामृत्युंजय के जब मात्र से हो जाता है। महामृत्युंजय मंत्र सभी प्रकार की बाधाओं, भूत, प्रेत,पिशाच, खबेस आदि की बाधाओं को दूर करने का बहुत चमत्कारिक मंत्र है।
वास्तव में महामृत्युंजय मंत्र में छिपा है हर समस्या का समाधान। दुनिया की हर एक समस्या, वह चाहे भौतिक समस्या हो या फिर अलौकिक समस्या हर समस्या का समाधान महामृत्युंजय मंत्र में छिपा हुआ है।
महामृत्युंजय मंत्र एक ऐसा मंत्र है जो कि भगवान शिव को समर्पित है। देवों के देव महादेव इस सृष्टि के संघार कर्ता, भगवान केदारेश्वर के रूप में श्री महादेव सदैव भक्तों पर शीघ्र प्रसन्न हो जाया करते हैं।
अतः उनका यह महामृत्युंजय मंत्र आप सभी को अवश्य जानना चाहिए। महामृत्युंजय में छिपे चमत्कारिक रहस्य के बारे में आपको अवश्य पढ़ना चाहिए।
इस लेख के अंत तक आपको महामृत्युंजय मंत्र में छिपा है हर समस्या का समाधान और महामृत्युंजय मंत्र के चमत्कारिक लाभ महामृत्युंजय मंत्र विधि आदि के बारे में सारी जानकारी मिल जाएगी। तो आइए विस्तारपूर्वक महामृत्युंजय मंत्र को समझिए।
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क्या है महामृत्युंजय मंत्र-Mahamrityunjay Mantra In Hindi
भगवान महाकाल को समर्पित महान से महान बाधाओं को व अकाल मृत्यु को हर लेने वाला मंत्र ही है- महामृत्युंजय मंत्र। वैंसे तो महामृत्युंजय मंत्र ऋग्वेद से लिया गया है तथापि महामृत्युंजय मंत्र की उत्पत्ति के विषय में चर्चा करना ही व्यर्थ है।
क्योंकि यह मंत्र साक्षात भगवान शिव का स्वरूप है। इस मंत्र के एक एक शब्द में व एक एक अक्षर में भगवान शिव का प्रत्यक्ष - अप्रत्यक्ष रूप विद्यमान है। योगी जन इस मंत्र के माध्यम से अपनी तपस्या को परम उच्च शिखर पर ले जाते हैं।
यही वह मंत्र है जो योगियों को समाधि में ले जाता है, यही वह मंत्र है जो संसार की सभी मनोकामना को पूर्ण करता है और यही वह मंत्र है जो समस्त प्रकार की भय पीड़ा बाधा आदि को को हर लेता है। हर हर महादेव महामृत्युंजय मंत्र में छिपा है हर समस्या का समाधान
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महामृत्युंजय मंत्र का रचयिता कौन है
कई लोगों के मन में यह सवाल होता है कि भगवान महाकाल को समर्पित यह महामृत्युंजय मंत्र किसके द्वारा रचा गया।
आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि यह महामृत्युंजय मंत्र किसी पुरुष विशेष के द्वारा नहीं रचा गया है, बल्कि वेदों से उत्पन्न हुआ है और वेद साक्षात ब्रह्मा को कहा जाता है और वेद को ही नारायण का स्वरूप भी बताया गया है।
इस दृष्टि से यह साक्षात भगवान के मुख से निकला हुआ ही मंत्र है या यूं कहें कि महामृत्युंजय मंत्र के रचयिता स्वयं भगवान परात्पर ब्रह्म हैं।
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महामृत्युंजय मंत्र क्यों किया जाता है -Why Mahamrityunjay Mantra
भौतिक जगत में अथवा अलौकिक जगत में महामृत्युंजय मंत्र जाप करना एक अनादि काल से चली हुई परंपरा रही है।
इहलौकिक जगत में अकाल मृत्यु, गृह कलेश, ग्रह बाधा, भूत बाधा, प्रेत बाधा एवं सभी प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जप व महामृत्युंजय मंत्र का पाठ किया जाता है।
महामृत्युंजय मंत्र में छिपा है ब्रह्मांड का रहस्य
जी हां, यह बात बिल्कुल सत्य है कि महामृत्युंजय मंत्र में ब्रह्मांड का रहस्य छिपा हुआ है और यह रहस्य कोई सामान्य व्यक्ति अपनी इस भौतिक बुद्धि के द्वारा नहीं जान सकता है।
भौतिक आंखों के द्वारा नहीं देख सकता है। इस महामृत्युंजय मंत्र का प्रारंभ ही त्र्यंबक शब्द से हुआ है जिसमें तीनों लोकों को भगवान शंकर को समर्पित करते हुए भगवान शंकर का नाम स्मरण किया जाता है। महामृत्युंजय मंत्र वास्तव में बहुत ही अद्भुत व चमत्कारिक मंत्र है।
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महामृत्युंजय मंत्र में छिपा है हर समस्या का समाधान
यह बात बिल्कुल सत्य है। चाहे किसी भी प्रकार की समस्या हो घर में कलेश हो, विवाह में कलेश हो, भूत बाधा हो, प्रेत बाधा हो, मुक्ति बाधा हो अथवा संसार की कोई भी समस्या क्यों ना हो-
एकमात्र महामृत्युंजय मंत्र इन सभी बाधाओं को नष्ट करने का परम सामर्थ्य रखता है। महामृत्युंजय मंत्र में हर समस्या का समाधान छिपा हुआ है। बस इसके लिए यदि जरूरत है तो महामृत्युंजय मंत्र को समझने की व महामृत्युंजय मंत्र जाप करने की। महामृत्युंजय मंत्र में छिपा है हर समस्या का समाधान
महामृत्युंजय मंत्र बताइये
जब हम महामृत्युंजय मंत्र की बात करते हैं तो ध्यातव्य है कि मृत्युंजय मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र दोनों अलग-अलग होते हैं और महामृत्युंजय मंत्र भी विभिन्न प्रकार के होते हैं।
मूल रूप से महामृत्युंजय मंत्र एक ही है लेकिन उसमें संपुट लगाने से उसके अलग-अलग फल मिलने लगते हैं। मूल महामृत्युंजय मंत्र निम्न प्रकार से है।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ।।
ॐ हौं जूं स: ॐ भूर्भुव: स्व: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्व: भुव: भू: ॐ स: जूं हौं ॐ ।।
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महामृत्युंजय मंत्र का शाब्दिक अर्थ-Mahamrityunjay Mantra Meaning In Hindi
महामृत्युंजय मंत्र के एक-एक शब्द में समस्त ब्रह्मांड का रहस्य छिपा हुआ है। महामृत्युंजय मंत्र में छिपा हुआ है हर समस्या का समाधान। दुनिया की हर एक बाधा का समाधान महामृत्युंजय मंत्र के एक-एक शब्द में छिपा हुआ है। महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ नीचे दिया गया है।
- त्र्यंबकम्- तीन नेत्रों वाले भगवान शिव
- यजामहे- हम पूजन करते हैं।
- सुगंधिम्- सुगंध बहाने वाले
- पुष्टि- सुसज्जित एवं पवित्र, पुष्ट
- वर्धनम- पोषण करने वाला, शक्ति देने वाला
- उर्वारुक- ककड़ी (के)
- इव- जैसे, की तरह
- बंधनात्- बंधनों से
- मृत्यु- मृत्यु से
- मुक्षीय- मुक्त करें
- अमृतात- अमरता, मोक्ष
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महामृत्युंजय मंत्र का हिंदी भावार्थ
तीनों लोकों के स्वामी भगवान त्रिनेत्र शिव का हम यजन करते हैं, पूजन करते हैं, वंदन करते हैं। वह भगवान शिव समस्त ब्रह्मांड में सुगंधित पुष्टि का वर्धन करते हैं। ऐसे भगवान शंकर हमें मृत्यु के बंधनों से हमेशा के लिए मुक्त कर दें।
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