भगवत ❤ गीता में कितने श्लोक है | गीता में कितने श्लोक हैं Bhagwat Geeta Me Kitne Shlok Hai
भगवद्गीता - एक ऐंसा ग्रंथ जिसका नाम लेने मात्र से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। भगवान श्रीकृष्ण का हृदय ❤ है यह भगवद्गीता। साक्षात् भगवान् के मुख से निकली गीता को सुनना व पढना भला कौन नहीं चाहेगा!
वास्तव में हमारे भगवान् श्रीकृष्ण ने इस गीता के माध्यम से दुनिया को बहुत कुछ बताने की कोशिश की है। ज्ञान, कर्म व भक्ति तीनों का संगम है- यह भगवद्गीता।
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तो आइये, आज हम जानेंगे- भगवद्गीता की रोचक रहस्यमय बातें और भगवद्गीता में कितने श्लोक हैं? कुल कितने श्लोक हैं एवं प्रत्येक अध्याय की श्लोक संख्या- हम आपको बताने जा रहे हैं। तो आइये! खूब ज्ञान पाइये!
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भगवत गीता में कितने अध्याय हैं?
भगवान श्रीकृष्ण के मुख से निकली व वेद व्यास द्वारा विरचित- श्रीमद्भगवद्गीता में कुल 18 अध्याय हैं। यह 18 संख्या भगवान श्रीकृष्ण व वेदव्यास जी से बहुत बड़ा सम्बंध रखती हैं। शायद इसी कारण वेदव्यास जी ने अठारह 18 संख्या को बहुत ज्यादा प्रयोग किया है। इसके कुछ रहस्य देखिए-
श्रीमद्भगवद्गीता से जुड़ी रोचक बातें |
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अब आपको अठारह 18 संख्या का रहस्य पता चल गया होगा। तो चलिए, हम अपने विषय पर आते हैं- हम आपको यंहा भगवद्गीता में कितने श्लोक हैं व प्रत्येक अध्याय की श्लोक संख्या क्या है यह स्पष्ट करने जा रहे हैं। भगवद्गीता में 18 अध्याय हैं यह तो आपने जान लिया। अब गीता श्लोक संख्या Bhagwat Geeta Shlok की चर्चा करते हैं।
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भगवत गीता में कितने श्लोक है- गीता श्लोक संख्या (Gita Me Kitne Shlok Hai)
सम्पूर्ण भगवद्गीता में 18 अध्याय व कुल 700 श्लोक हैं। इस प्रकार भगवद्गीता को सप्तशती भी कहा जा सकता है। 700 संख्या भी रहस्यमय है। दुर्गा सप्तशती में भी 700 श्लोक हैं। भगवद्गीता महाभारत के भीष्म पर्व से अवतरित हुई है। चलिए, अब हम भगवद्गीता के प्रत्येक अध्याय की श्लोकसंख्या को जानते हैं।
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अध्याय अनुसार भगवद्गीता में कितने श्लोक हैं? भगवत गीता के 18 नाम
भगवत गीता के प्रत्येक अध्याय का अलग-अलग नाम है जिनको कि भगवत गीता के 18 नाम के रूप में भी जाना जाता है तो आइये, भगवद्गीता के प्रत्येक अध्याय का नाम व उनकी श्लोक संख्या को जानते हैं।
गीता 18 अध्यायों का नाम व श्लोक संख्या | ||
अध्याय संख्या | अध्याय का नाम | श्लोक संख्या |
अध्याय 1 | अर्जुनविषाद योग | 46 श्लोक |
अध्याय 2 | सांख्य योग | 72 श्लोक |
अध्याय 3 | कर्म योग | 43 श्लोक |
अध्याय 4 | ज्ञानकर्मसंन्यास योग | 42 श्लोक |
अध्याय 5 | कर्मसंन्यास योग | 29 श्लोक |
अध्याय 6 | आत्मसंयम योग | 47 श्लोक |
अध्याय 7 | ज्ञानविज्ञान योग | 30 श्लोक |
अध्याय 8 | अक्षरब्रह्म योग | 28 श्लोक |
अध्याय 9 | राजविद्या राजगुह्य योग | 34 श्लोक |
अध्याय 10 | विभूति योग | 42 श्लोक |
अध्याय 11 | विश्वरूपदर्शन योग | 55 श्लोक |
अध्याय 12 | भक्तियोग | 20 श्लोक |
अध्याय 13 | क्षेत्रक्षेत्रविभाग योग | 35 श्लोक |
अध्याय 14 | गुणत्रयविभाग योग | 27 श्लोक |
अध्याय 15 | पुरुषोत्तम योग | 20 श्लोक |
अध्याय 16 | दैवासुरसम्पद्विभाग योग | 24 श्लोक |
अध्याय 17 | श्रद्धात्रयविभाग योग | 28 श्लोक |
अध्याय 18 | मोक्षसंन्यासयोग | 78 श्लोक |
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भगवद्गीता की रोचक बातें-
- भगवद्गीता का अठारहवां अध्याय सबसे बड़ा है। इसमें कुल 78 श्लोक हैं।
- भगवद्गीता का पन्द्रहवां अध्याय सबसे छोटा है। इसमें कुल 20 श्लोक हैं।
- जगद्गुरु शंकराचार्य ने भगवद्गीता की शुरुआत दूसरे अध्याय के ग्यारहवें श्लोक (अशोच्यानन्वशोचस्त्वम्०) से बताई है।
- संपूर्ण भगवत गीता में धृतराष्ट्र ने केवल 1 ही श्लोक कहा है। (धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे०० अध्याय 1, श्लोक 1)
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भगवद्गीता पर पूछे गये कुछ रोचक सवाल-जवाब
- गीता में श्री कृष्ण जी ने कितने श्लोक कहे?
भगवत गीता में सर्वाधिक श्लोक भगवान श्री कृष्ण के द्वारा ही कहे गए हैं। गीता में श्रीकृष्ण ने 574 श्लोक कहे हैं। इसके अतिरिक्त अर्जुन ने 84 तथा संजय ने 41 श्लोक कहे हैं।
- क्या भागवत गीता की तरह रामायण की भी मान्यता पूरे विश्व में है?
जी हां, बिल्कुल- श्रीमद्भगवद्गीता की तरह रामायण की भी मान्यता संपूर्ण विश्व में है- इसमें कोई भी संदेह नहीं है। जिस प्रकार भगवत गीता आज दुनिया के हर एक कोने में गुनगुनाई जाती है।
ठीक उसी प्रकार रामायण के भी विभिन्न संस्करण विभिन्न भाषाओं में घर-घर में गूँजते हैं। अतः रामायण की भी पूरे विश्व में मान्यता है
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- अवसाद की स्थिति में भागवत गीता की उपयोगिता
अवसाद अथवा तनाव की स्थिति में भगवत गीता की उपयोगिता के बारे में जितनी भी प्रशंसा की जाए उतनी कम है। संपूर्ण भगवत गीता अवसाद से प्रसन्नता की ओर अभिमुख करने में एक आंतरिक ऊर्जा भरने वाला विशेष ग्रंथ है।
अर्जुन जब अवसाद स्थिति में अथवा मोहवशात युद्ध करने के लिए मना कर देता है तो ऐंसी स्थिति में भगवान श्रीकृष्ण ही इस गीता उपदेश के माध्यम से अर्जुन के अवसाद,दुःख,मोह आदि को दूर करके युद्ध के लिए तैयार करते हैं।
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- अचिन्त्य शब्द भगवत गीता के किस श्लोक में है?
वैंसे तो भगवत गीता के विभिन्न अध्याय में अचिंत्य शब्द मिल सकता है। तथापि शुरुआत में सबसे पहले अचिंत्य शब्द का प्रयोग भगवत गीता के दूसरे अध्याय के 25 वें श्लोक में किया गया है।
श्लोक का एक पद्य देखिए- श्रीकृष्ण द्वारा आत्मा के विषय में अचिन्त्य आदि विशेषण बताए गये।
अव्यक्तोsयम् अचिन्त्योsयम् अविकार्योsयमुच्यते। (श्लोक 25)
- श्रीमद भागवत गीता कैसे खरीदें?
घर पर बैठे ही भगवत गीता पुस्तक खरीदी जा सकती है। आजकल विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर आसानी से भगवत गीता पुस्तक ऑर्डर की जा सकती है। यदि आप शुद्ध संस्कृत हिंदी भगवद्गीता खरीदना चाहते हैं तो दिए गए लिंक के माध्यम से भी खरीद सकते हैं-
- भगवद गीता महात्म्य इन हिंदी
भगवत गीता का महत्व स्वयं गीता के प्रारंभ में बताया गया है। वास्तव में श्रीमद्भगवत गीता का माहात्म्य वाणी के द्वारा वर्णन करने के लिए किसी का भी सामर्थ्य नहीं है क्योंकि भगवद्गीता एक परम रहस्यमय ग्रंथ है जिसमें कि वेदों का सार व मुक्ति का द्वार का वर्णन किया गया है।
कहा जाता है कि गीता का नियमित पाठ करने वाले मानव के लिए इस संसार में कोई भी वस्तु दुर्लभ नहीं होती। गीता के अध्ययन मात्र से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं।
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- भगवद गीता बेनिफिट्स
भगवत गीता पढ़ने से असंख्य लाभ (बेनिफिट्स) होते हैं- इसमें कोई दोहराए ही नहीं है। स्वयं भगवत गीता के महत्व में लिखा है कि-
जो फल प्राणायाम करने से मिलता है वही फल मात्र श्रीमद्भगवद्गीता पढ़ने से मिल जाता है।
- भगवत गीता आधुनिक युग के लिए एक प्रेरणात्मक ग्रंथ है।
- गीता का नियमित अभ्यास करने से पाप का घड़ा नष्ट होता है आदि।
- भगवत गीता का पाठ कैसे करें?
प्रातः काल शौच आदि से निवृत्त होकर के संध्या- उपासना आदि नित्य कर्म करने के पश्चात भगवत गीता का पाठ करें।
- शुद्ध मन व शुद्ध तन के साथ भगवत गीता का पाठ कभी भी किया जा सकता है।
- भगवत गीता का पाठ करने से पहले श्री कृष्ण का ध्यान अवश्य करें।
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- Bhagwat Geeta Ka Ek Din Mai Kitne Adhyay Karna Chahiye Kya Ek Dinmai Sare Adhyaye Kar Sakty Hai
भगवत गीता का 1 दिन में कितने अध्याय करना चाहिए- किसी के द्वारा यह प्रश्न पूछा गया। आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि ऐंसा कोई भी निश्चित नहीं है कि 1 दिन में भगवत गीता का कितने अध्याय करने चाहिए।
पाठक अपनी इच्छा अनुसार 1 दिन में कितने भी श्लोक अथवा कितने भी अध्याय का पाठ कर सकता है। भक्ति व शक्ति अनुसार सारे अध्याय का पाठ भी कर सकते हैं।
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- गीता का दूसरा नाम क्या है?
वैंसे तो भगवद गीता- गीता के नाम से ही विश्व में प्रसिद्ध है। तथापि भगवत गीता की समरसता में डूब कर के विभिन्न विद्वान भगवद्गीता को विभिन्न नामों से संबोधित करते हैं जैंसे कि गीतोपदेश, भक्तिशास्त्र, ज्ञानकर्मभक्ति शास्त्र, कृष्णोपदेश शास्त्र आदि।
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- Kya Geeta Ke Rachyita Brahma Baba Hai
किसी ने पूछा कि क्या गीता के रचयिता ब्रह्मा जी हैं तो आपको बता दें कि गीता महाभारत के भीष्म पर्व से अवतरित हुई है। महाभारत भगवान वेदव्यास जी के द्वारा लिखा गया। अतः इस प्रकार कह सकते हैं कि गीता के रचयिता महर्षि वेदव्यास जी हैं न कि ब्रह्मा जी।
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1 Comments
Vere.naic
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