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पुराण के रचयिता कौन हैं? |
पुराणों की संख्या कितनी है? |
उप पुराणों की संख्या कितनी है? |
औप पुराणों की संख्या कितनी है? |
कुल पुराणों की संख्या कितनी है? |
पुराण के रचयिता कौन हैं? पुराण किसने लिखे?
प्यारे मित्रों, आइए सबसे पहले हम जानेंगे कि पुराण किसने लिखे? पुराणों के रचयिता कौन हैं? वैंसे तो आप सभी ने भगवान वेदव्यास जी का नाम जरूर सुना होगा। कहा जाता है भगवान वेदव्यास जी साक्षात विष्णु के अवतार थे। पराशर के पुत्र के रूप में भगवान वेदव्यास जी को विभिन्न अन्य नामों से भी जाना जाता है। कुछ लोग इनको ही बादरायण के रूप में भी जानते हैं। कृष्ण द्वैपायन आदि भगवान वेदव्यास जी के ही अन्य नाम हैं। जब हम बात करते हैं पुराणों की रचना के बारे में, तो यह सर्व सम्मत तथा साधारण सी बात है कि पुराणों की रचना भगवान वेद व्यास जी के द्वारा की गयी। जी हां, वेदव्यास अर्थात कृष्ण द्वैपायन जी ने 18 पुराणों की रचना की। इसी के साथ इन पुराणों के कालांतर में कुछ अन्य उपपुराण बने और उन उपपुराणों के भी कुछ अन्य उपपुराण रचे गये, जिनकी संख्या निरंतर बढ़ने लगी लेकिन जब मूल रूप से पुराणों की रचना के बारे में बात की जाती है तो सभी पुराणों के रचनाकार भगवान वेदव्यास जी ही हैं।पुराणों की जानकारी | |
पुराण के रचयिता | भगवान वेदव्यास |
पुराणों की संख्या | 18 (अठारह) |
सबसे बड़ा पुराण | स्कन्द पुराण |
सबसे छोटा पुराण | मार्कण्डेय पुराण |
पुराणों की संख्या कितनी है?
पुराण कितने हैं, पुराणों की संख्या कितनी है, कुल पुराण कितने हैं- ऐसे बहुत सारे प्रश्न आप सभी के मन में भी निकलते रहते होंगे, लेकिन अब आपको बिल्कुल भी चिन्ता करने की आवश्यकता नहीं है। हम आपको बिल्कुल विस्तारपूर्वक बताने वाले हैं कि पुराण कितने हैं, पुराणों की संख्या कितनी है, उपपुराणों की संख्या कितनी है आदि। सबसे पहले हम पुराणों की संख्या की बात करें तो मूल रूप से पुराणों की संख्या 18 है। 18 पुराण हिंदू धर्म में अत्यंत प्रसिद्ध हैं। इन पुराणों में सृष्टि का वर्णन, प्रलय का वर्णन तथा विभिन्न राजाओं एवं महाराजाओं का वर्णन भी मिलता है। इन 18 पुराणों में भागवत महापुराण अत्यंत लोकप्रिय तथा लोक प्रसिद्ध है। अब हम यहां बात करेंगे 18 पुराण कौन-कौन से हैं तो सबसे पहले आपकी जानकारी के लिए इन 18 पुराणों का क्रमानुसार नाम दिया जा रहा है। तत्पश्चात उपपुराण आदि की चर्चा करते हैं।शुरु कर दें।
18 पुराणों के नाम 👇
पुराणों की संख्या 18 है | ||
1- ब्रह्म पुराण | 2- पद्मपुराण | 3- विष्णु पुराण |
4- वायु पुराण | 5- भागवत पुराण | 6- नारद पुराण |
7- मार्कण्डेय पुराण | 8- अग्निपुराण | 9- भविष्य पुराण |
10- ब्रह्मवैवर्त पुराण | 11- लिंगपुराण | 12- वराह पुराण |
13- स्कन्दपुराण | 14- वामन पुराण | 15- कूर्म पुराण |
16- मत्स्यपुराण | 17- गरुड़ पुराण | 18- ब्रह्माण्ड पुराण |
मद्वयं भद्वयं चैव ब्रत्रयं वचतुष्टयम्।
अनापलिङ्गकूस्कानि पुराणानि प्रचक्षते।।
इस श्लोक के माध्यम से आप अठारह पुराणों को बड़ी आसानी से याद रख सकते हैं। इस श्लोक का अर्थ कुछ इस प्रकार है- मद्वयं = मकार से दो पुराण (मत्स्यपुराण, मार्कण्डेय पुराण) , भद्वयं= भकार से दो पुराण (भागवतपुराण, भविष्य पुराण) । ब्रत्रयं = ब्र से तीन पुराण (ब्रह्मपुराण, ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्माण्ड पुराण)। वचतुष्टयम्= वकार से चार पुराण (वायु पुराण , वामन पुराण, विष्णु पुराण, वराहपुराण) ।। अनापलिङ्गकूस्कानि= अर्थात् अ से अग्नि पुराण, ना से नारद पुराण, प से पद्म पुराण, लिङ् से लिङ्ग पुराण, ग से गरुड़ पुराण, स्कानि से= स्कन्दपुराण । इस प्रकार कुल पुराणों की संख्या 18 होती है। अतः उपरोक्त श्लोक के माध्यम से आप 18 पुराणों को बड़ी आसानी से याद रख सकते हैं।
उपपुराणों की संख्या कितनी है
18 उपपुराणों के नाम 👇
उपपुराणों की संख्या भी 18 है | ||
1- आदि उपपुराण | 2- नरसिंह उपपुराण | 3- नन्दी उपपुराण |
4- शिवधर्मपूर्व पुराण | 5- आश्चर्य पुराण | 6- नारदीय पुराण |
7- कापिल पुराण | 8- मानव पुराण | 9- औशनस पुराण |
10- ब्रह्माण्ड पुराण | 11- वारुण पुराण | 12- कालिका पुराण |
13- माहेश्वर पुराण | 14- साम्ब पुराण | 15- सौर पुराण |
16- पाराशर पुराण | 17- मारीच पुराण | 18- भार्गव पुराण |
औपपुराणों की संख्या कितनी है?
जिस प्रकार से पुराणों के उप पुराण रचे गए। ठीक उसी प्रकार से आगे चलकर इनके भी और अन्य छोटे-छोटे विभाग बने जो कि औप पुराण के रूप में जाने गये। कहा जाता है कि औप पुराणों की संख्या भी 18 ही है। यही कारण है कि जब सामान्य रूप से यह कहा जाता है कि पुराणों की संख्या कितनी है तो इसका सटीक व साधारण उत्तर यही दिया जाता है कि पुराणों की संख्या 18 है। क्योंकि पुराणों के विभाग भी 18 ही हैं। और उनके उपविभाग भी 18 ही हैं। इसलिए 18 का संयोग होने के कारण सबको 18 की संख्या में ही समाहित किया जाता है। कुल पुराणों की संख्या कितनी है?
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