प्यारे पाठकों, क्या आप जानते हैं? संस्कृत क्या है? संस्कृत शब्द की उत्पत्ति कैंसे हुई? संस्कृत शब्द में कौन सी धातु है? संस्कृत शब्द का हिंदी अर्थ क्या होता है? (Sanskrit Shabd Ka Arth) प्यारे पाठकों, एक रिसर्च के मुताबिक दुनिया की सभी विशिष्ट भाषाओं को जब एक मेसेज भेजने के लिए अन्तरिक्ष में भेजा गया तो पूरी दुनिया में संस्कृत के अलावा कोई भी ऐंसी भाषा नहीं थी जो इस कार्य को करने में सफल हुई।
जी हाँ, संस्कृत दुनिया की वह इकलौती भाषा है, जो आज भी अपने सुदृढ़ व्याकरण के कारण वैज्ञानिकों के लिए एक महान रहस्य बनी हुई है। आज हम बात करने वाले हैं उसी संस्कृत भाषा की। आखिर यह संस्कृत शब्द का अर्थ क्या है? संस्कृत शब्द में धातु क्या है? इत्यादि संस्कृत शब्द तथा संस्कृत भाषा के रोचक विषयों को आज हम आपके समक्ष प्रस्तुत करने जा रहे हैं।
इस लेख में
- संस्कृत शब्द व संस्कृत भाषा की व्यापकता
- संस्कृत शब्द की उत्पत्ति का रहस्य
- संस्कृत शब्द का हिंदी अर्थ
- संस्कृत शब्द की रूप सिद्धि
- संस्कृत शब्द से उत्पन्न होने वाले अन्य शब्द
- संस्कृत शब्द के पर्याय शब्द
- दैनिक उपयोगी संस्कृत शब्दों का हिन्दी अर्थ
संस्कृत शब्द व संस्कृत भाषा की व्यापकता
संस्कृत- एक दुनिया का ऐंसा शब्द है, जो कि पूरी दुनिया के लिए आज रहस्य बना हुआ है। संस्कृत शब्द कोई सामान्य शब्द नहीं है बल्कि यह वो शब्द है- जिसने भारत को विश्वगुरु बनाया। संस्कृत शब्द ही एक ऐंसा शब्द है जिसने दुनिया को अलौकिक ज्ञानराशि प्रदान की। संस्कृत ही वह अलौकिक शब्द है जिसमें हमारे वेद, आयुर्वेद, पुराण, व्याकरण, दुनिया का भविष्य बताने वाला ज्योतिषशास्त्र, विमानशास्त्र, चिकित्साशास्त्र, चरकसंहिता, अर्थशास्त्र जैंसे महान रहस्यमय ग्रंथ लिखे गये। जी हाँ, यह वही संस्कृत है जिसको बोलने के लिए देवता भी तरसते हैं। संस्कृत की व्यापकता व महत्ता आप निम्न तथ्यों से समझ सकते हैं।
- संस्कृत दुनिया में सभी भाषाओं की जननी है।
- नासा की एक रिसर्च के मुताबिक संस्कृत कम्प्यूटर के लिए बेहतरीन भाषा है।
- एक शोध के अनुसार संस्कृत बोलने से मानव का वाक् तंत्र व्यवस्थित रहता है, जिससे कि सैकड़ों रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है।
- वैज्ञानिकों का भी यह मानना है कि संस्कृत बोलने से योग प्राणायाम की कई क्रियाएँ अपने आप होने लगती हैं, जो कि किसी दूसरी किसी भी भाषा में नहीं पाया जाता।
प्यारे दोस्तों, संस्कृत की उपरोक्त आश्चर्यजनक बातें आपको भी शायद हैरान कर रही होंगी। जी हाँ, संस्कृत भाषा के बारे में जितना भी कहा जाए उतना कम है। आज हम उसी संस्कृत भाषा के संस्कृत शब्द की चर्चा करेंगे।
संस्कृत शब्द की उत्पत्ति का रहस्य
प्यारे पाठकों, संस्कृत भाषा की जब हम बात करते हैं तो यह निर्विवाद सत्य है कि दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा संस्कृत ही रही है। यदि हम वंही बात करें संस्कृत शब्द की तो यह जो संस्कृत शब्द है इसकी प्राचीनता का अनुमान लगाना अत्यंत कठिन है, क्योंकि संस्कृत एक देव भाषा है देवों के द्वारा बोली जाने वाली भाषा- देवभाषा। संस्कृत अनादि काल से चलती आ रही है तो यदि इस प्रकार इसकी प्राचीनता को देखा जाए तो ब्रह्मा से लेकर के संस्कृत की सृष्टि हुई है। ऐंसा कहा जा सकता है।
वैदिक संस्कृत | पाणिनि से पूर्व |
लौकिक संस्कृत | पाणिनि के पश्चात |
ब्रिटिश विद्वानों ने संस्कृत शब्द को लेकर अपनी- अपनी परिभाषाओं को प्रस्तुत किया और विशेष रुप से ब्रिटिश विद्वानों ने संस्कृत शब्द के उत्पत्तिकाल के विषय में प्रायः अपना मत देने का प्रयास किया। विद्वानों का वर्ग कहता है कि संस्कृत शब्द पाणिनि व्याकरण की परंपरा से प्रारंभ हुआ। कहने का तात्पर्य है कि पाणिनि व्याकरण से पूर्व यद्यपि संस्कृत शब्द का अस्तित्व था लेकिन कहा जाता है कि इससे पहले "वैदिक संस्कृत" इस रूप में संस्कृत शब्द को जाना जाता था। तत्पश्चात वही संस्कृत शब्द लौकिक संस्कृत के रूप में व्यवस्थित हुआ और धीरे-धीरे वह संस्कृत शब्द के रूप में इस समस्त भूलोक के व्यवहार में आने लगा। इस प्रकार संस्कृत शब्द की उत्पत्ति के विषय में यदि हम चर्चा करते हैं तो इसकी उत्पत्ति का रहस्य अत्यंत प्राचीन है इसमें बिल्कुल भी संदेह नहीं है।
संस्कृत शब्द की व्युत्पत्ति (Sanskrit Shabd ki Utpatti)
पाणिनि व्याकरण के अनुसार संस्कृत शब्द की उत्पत्ति सम उपसर्ग पूर्वक कृ धातु के साथ में क्त प्रत्यय करने से होती है। इस प्रकार सम उपसर्ग पूर्वक इस संस्कृत शब्द का हिंदी अर्थ होता है- संस्कारित परिमार्जित अथवा शुद्ध पवित्र। सम् उपसर्ग पूर्वक कृ धातु क्त प्रत्यय करने के बाद सामान्य नपुंसक लिंग में सु प्रत्यय के स्थान पर अमादेश होने के बाद- संस्कृतम् इस शब्द की व्युत्पत्ति होती है। संस्कृत शब्द तीनों लिंगों में चलता है। इसलिए संस्कृतः, संस्कृता, संस्कृतम् ये सभी रूप बन सकते हैं।
संस्कृत शब्द का हिन्दी अर्थ- (Sanskrit Shabd Ka Arth)
जैंस कि हम बता चुके हैं संस्कृत शब्द का हिंदी अर्थ है- शुद्ध, परिष्कृत, परिमार्जित, संस्कारित आदि। यहां सम उपसर्ग का अर्थ होता है- शुद्ध, अच्छे तरीके से, समान रूप से इत्यादि। इसके पश्चात कृ का अर्थ है- किया गया और इस प्रकार से संस्कृत शब्द का सामुदायिक हिंदी अर्थ होता है कि अच्छे तरीके से किया गया अथवा शुद्ध तरीके से किया गया। अर्थात संस्कारित या परिमार्जित। इस प्रकार से हम कह सकते हैं कि संस्कृत शब्द का हिंदी अर्थ संस्कार आदि विभिन्न अर्थों में ग्रहण किया जा सकता है।संस्कृत शब्द का हिंदी अर्थ | शुद्ध, संस्कारित, परिमार्जित, परिष्कृत, पवित्रित, शिष्ट आदि। |
संस्कृत शब्द की रूप सिद्धि (Sanskrit Ka Shabd Roop)
प्यारे पाठकों, संस्कृत शब्द के विषय में हमने बहुत कुछ आपके साथ साझा किया और अब हम यहां संस्कृत व्याकरण के अनुसार अर्थात पाणिनि व्याकरण की प्रक्रिया का अनुसरण करते हुए संस्कृत शब्द की सिद्धि पर विचार करेंगे । जैंसे कि आप सभी जानते हैं संस्कृत शब्द का हिंदी अर्थ होता है- संस्कारित। अब इस संस्कृत शब्द की सिद्धि कैंस की जाए। कैंसे इस शब्द की रचना होती है- इसके लिए व्याकरण की प्रक्रिया का अनुसरण करना अनिवार्य है। तो आइये, जानते हैं कि संस्कृत शब्द की रूप सिद्धि प्रक्रिया के बारें में-सम् उपसर्ग पूर्वक डुकृञ् करणे धातु से भूतकाल अर्थ में क्त प्रत्यय होता है। सम् + कृ + क्त - इस स्थिति में क्त प्रत्ययस्थ ककार का "लशक्वतद्धिते" सूत्र के द्वारा लोप हो जाता है। सम्+कृ+त = इस स्थिति में संस्कृत शब्द की सिद्धि होती है। संस्कृत शब्द की सिद्धि को विस्तारपूर्वक जानने के लिए नीचे दी गई तालिका देखें।
संस्कृत शब्द की रूपसिद्धि- हिन्दी में | ||
सम् उपसर्ग कृधातु से | भूतकालार्थे क्तप्रत्ययः | भूतकाल में क्तप्रत्यय |
| लशक्वतद्धिते | इस सूत्र से क्तप्रत्यय स्थित क का लोप। |
सम् कृ त | सम्पर्युपेभ्यः करोतौ भूषणे | इस सूत्र से सुट् आगम |
सम् सुट् कृ त | सुडित्यत्र इत्संज्ञालोपौ | सुट् में उट् का लोप |
सम् स् कृ त | अनुस्वारस्य ययि परसवर्णः | सम् के मकार को परसवर्ण अनुस्वार |
सं स् कृ त | वर्णसम्मेलनम् |
|
संस्कृत | स्वादिप्रत्ययः | पुलिंगादिविवक्षा में स्वादिप्रत्यय |
संस्कृत सु | सामान्ये नपुंसकम् | नपुंसकलिंग में सु प्रत्यय |
| अतोम् | सु को अमादेश |
संस्कृत अम् | अमि पूर्वः | अम् का पूर्वादेश |
संस्कृतम् | इति रूपं सिद्धम् | संस्कृत रूप सिद्ध हुआ। |
संस्कृत शब्द से उत्पन्न होने वाले अन्य शब्द
संस्कृत शब्द से उत्पन्न होने वाले अन्य संस्कृत शब्द एवं उनका हिंदी अर्थ । प्यारे मित्रों, संस्कृत शब्द की उत्पत्ति के बारें हम जान चुके हैं। हमारे लोकव्यवहार में संस्कृत शब्द से उत्पन्न होने वाले कई अन्य शब्द भी हैं, जिनका हम प्रायः दैनन्दिन प्रयोग करते हैं। यंहा हम ऐंसे ही कुछ महत्वपूर्ण शब्द बता रहे हैं, जो कि संस्कृत शब्द से सम्बंधित हैं। इन संस्कृत शब्द का हिंदी अर्थ और प्रत्यय भी हमने यंहा स्पष्ट किया है।
संस्कृत शब्द | हिंदी अर्थ | प्रत्यय |
संस्कृत | परिमार्जित, शुद्ध | स्वादिप्रत्यय |
संस्कारः | गुणादि संस्कार | घञ् प्रत्यय |
संस्कारी | संस्कार वाला | इनि प्रत्यय |
संस्कृतिः | संस्कृत का भाव | क्तिन् प्रत्यय |
अपसंस्कृतिः | अनुचित संस्कृति | अप् पूर्वक क्तिन् प्रत्यय |
सांस्कृतिक | संस्कृत रूप देने की क्रिया | ठञ प्रत्यय |
संस्कर्ता | संस्कार करने वाला | तृच् प्रत्यय |
संस्कर्तुम् | संस्कार करने के लिए | तुमुन् प्रत्यय |
संस्कार्य | संस्कार करने योग्य | ण्यत् प्रत्यय |
संस्कारवर्जित | संस्कार से रहित | सामासिकरूप |
संस्कृतीकरण | संस्कृत करने का भाव | अभूततद्भावः |
संस्कृत के पर्यायवाची शब्द (Sanskrit Ka Paryayvachi)
प्यारे मित्रों, संस्कृत शब्द का हिंदी अर्थ तो आप जान चुके हैं। तथापि कदाचित् यदि आपके मन में यह जिज्ञासा हो कि संस्कृत शब्द के पर्यायवाची शब्द क्या-क्या हो सकते हैं, तो उसका वर्णन हम यंहा कर रहे हैं। यंहा कुछ संस्कृत शब्द के पर्यायवाची शब्द दिए गये हैं। इन संस्कृत शब्द का हिंदी अर्थ तथा प्रत्यय भी बताया गया है। संस्कृत शब्द के पर्यायवाची शब्द | |||
1. संस्कारित | परिमार्जित | शुद्ध | परिष्कृत |
5. साफ-सुथरा | शिष्ट | सभ्य | सजाया हुआ |
दैनिक उपयोगी संस्कृत शब्द व हिंदी अर्थ
संस्कृत शब्द | हिंदी अर्थ | अंग्रेजी अर्थ |
अपि | भी | Also |
अग्रे | आगे | Front |
सः | वह (पुलिंग) | He |
सा | वह (स्त्रीलिंग) | She |
तानि | वे सब (नपुंसकलिंग) | Those |
का | कौन (स्त्रीलिंग) | Who |
केन | किसने (पुलिंग) | who |
तौ | वे दोनो (पुलिंग) | They both |
भवति | होता है। | being |
केचन | कुछ (पुलिंग) | some |
मातुलस्य | मामा का | Of maternal uncle |
च | और | And |
मोदकानि | लड्डू | Laddu |
काणः | अन्धा | Blind |
निधाय | रख कर | To keep |
खादित्वा | खा कर | To eat |
संस्कृत शब्द का हिंदी अर्थ (Sanskrit Shabd Ka Arth) - निष्कर्ष
प्यारे मित्रों, संस्कृत शब्द एवं संस्कृत भाषा के विषय में आज के इस लेख द्वारा हमने बहुत ही विस्तार पूर्वक चर्चा की और हमें उम्मीद है कि इसके माध्यम से आपने आज बहुत कुछ नया सीखा होगा संस्कृत शब्द की प्राचीनता से आप सभी अवगत हुए होंगे और वास्तविक रूप में संस्कृत शब्द का हिंदी अर्थ क्या है संस्कृत शब्द की प्राचीनता का क्या है इत्यादि विभिन्न विषयों को आप सभी ने विस्तारपूर्वक समझने का प्रयास किया होगा। हमें उम्मीद है कि आप निरंतर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहें और विभिन्न संस्कृत परीक्षाओं की तैयारी के लिए आप अपनी इस वेबसाइट के मुख्य पेज पर जा सकते हैं आप सभी का दिल की गहराइयों से पुनः धन्यवाद।
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